मंडियों में धान की खरीद में देरी, किसान परेशान : हुड्डा
चंडीगढ़, 23 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि एक बार फिर भाजपा सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और खाद देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। मंडियों में धान की खरीद नहीं होने के कारण किसान एमएसपी से कम कीमत पर अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं। चुनाव के दौरान बीजेपी ने धान पर 3100 रुपये का रेट देने का वादा किया था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद बीजेपी अपने वादे से मुकर गई है।
हुड्डा ने आगे कहा कि अगली फसल की बुवाई के लिए किसानों को डीएपी भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। खाद की कमी के कारण किसानों को लंबी कतारों में कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है, लेकिन फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल रही और उन्हें कालाबाजारी में खाद खरीदनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की मंडियों में धान के ढेर लगे हुए हैं, जिसके चलते किसानों को मजबूरन अपनी फसल सड़क पर डालनी पड़ रही है। खरीद के बाद सरकार जानबूझकर उठान में देरी कर रही है। अब तक 10 लाख मीट्रिक टन धान का उठान बाकी है, जिससे किसानों को भुगतान में भी देरी हो रही है। सरकारी अनदेखी के चलते किसानों को 3100 रुपये तो दूर, एमएसपी से भी 200-400 रुपये कम कीमत पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है।
हुड्डा ने यह भी कहा कि सरकार को पराली जलाने के मामलों में किसानों पर कार्रवाई करने के बजाय, उनकी मदद करनी चाहिए। प्रदेश में किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं और उन्हें रेड लिस्ट किया जा रहा है। सरकार को चाहिए कि वह पराली की खरीद के लिए इसकी एमएसपी निर्धारित करे। पराली जलाने को लेकर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पूरी तरह निंदनीय है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह तुरंत अपना निर्णय वापस ले और पराली के निस्तारण के लिए उचित समाधान निकाले।