नौ दिन पहले हुई थी साढ़े तीन वर्षीय बच्ची से दरिंदगी, अस्पताल में मौत
मदन लाल गर्ग, फतेहाबाद, 9 जुलाई
जिले के टोहाना के ग्रामीण इलाके में दरिंदगी का शिकार हुई साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची ने आखिरकार 9 दिनों बाद रोहतक पीजीआई में दम तोड़ दिया।
बच्ची को प्रवासी मजदूर पिता के ही जानकार दो लोगों ने आधी रात को घर से उठाकर ले गए थे, तथा मासूम के साथ दुष्कर्म किया था। बाद में अलसुबह बच्ची खून से लथपथ हालत में सड़क पर मिली थी। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को दबोच लिया था।
इस मामले में समय पर न पहुंच पाने पर महिला पुलिस उपनिरीक्षक शकुंतला को एसपी आस्था मोदी ने सस्पेंड कर दिया था। मानवता को शर्मशार करने वाली यह घटना 29 जून की रात को घटित हुई थी। बच्ची की गंभीर हालात को देखते हुए 30 जून को बच्ची को पीजीआई रोहतक में दाखिल करवाया गया था।
गौरतलब हैं कि मासूम बच्ची के माता-पिता जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बहराइच क्षेत्र के रहने वाले हैं। वे डेढ़ 2 माह पहले टोहाना के पास स्थित एक गांव में खेत मजदूरी करने के लिए आए थे। यहां एक जमींदार के खेत में वह रह रहे हैं।
29 जून शनिवार रात को उनकी जान पहचान के 3 युवक उनके घर आए थे। वह भी आसपास के गांवों के खेतों में मजदूरी करते हैं। रात को वे वापस चले गए और परिवार सो गया।
बच्ची के पिता ने बताया कि आधी रात को 3 बजे वह उठा तो देखा कि बच्ची अपने बिस्तर पर नहीं थी। इसके बाद उसने अपनी पत्नी और खेत मालिक को भी सूचित किया। सभी ने बच्ची की तलाश शुरू कर दी। बच्ची कुछ ही दूरी पर जाखल रोड पर लहूलुहान हालत में मिली।
बच्ची ने बताया कि युवकों ने उसके साथ हैवानियत की है। इसके बाद परिजन अल सुबह बच्ची को एंबुलेंस से टोहाना नागरिक अस्पताल में लेकर गए जहा से उसे पीजीआई रेफर कर दिया गया।
इस मामले में एसपी आस्था मोदी ने बताया कि पीड़ित पक्ष खेतों में धान लगाने के लिए काम करते हैं। उनके खेत मकान में मुकेश, सतीश और शंभू नामक 3 लोग आए थे। जहां उन्होंने शराब आदि की पार्टी की। बाद में शंभू वहां से चला गया।
पुलिस ने बताया कि इसके बाद में बाकी दोनों द्वारा बच्ची को उठाकर गलत काम करने की बात सामने आई थी। जिस पर दोनों के खिलाफ रेप, पॉक्सो एक्ट और अपहरण के आरोप में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अब बच्ची की मौत के बाद उसमें हत्या की धारा जोड़ दी।
उन्होंने बताया कि इस मामले में घटना वाले दिन जांच अधिकारी के साथ सब इंस्पेक्टर शकुंतला ने जाने में देरी की। इसलिए उसे सस्पेंड किया गया। लेकिन इस मामले में कोई लापरवाही नहीं की गई तथा इस केस में सीसीटीवी फुटेज व आरोपियों मोबाईल की सी डी आर भी निकाली गई थी। इस मामले में आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया गया है।