मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

बेटियों ने झटके पहले तीन स्थान

07:07 AM Apr 19, 2024 IST
पहले दो स्थान प्राप्त करने वाली अदिति और अलीशा शर्मा।

राजीव तनेजा/हप्र
मोहाली, 18 अप्रैल
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से बृहस्पतिवार को दसवीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया। नतीजे के अनुसार पहले तीन स्थानों पर लड़कियों का दबदबा रहा। लुधियाना के तेजा सिंह स्वतंत्र मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल शिमलापुरी की अदिति प्रदेश में पहले स्थान पर रही।

Advertisement

करमनप्रीत कौर तृतीय

दूसरे स्थान पर इसी स्कूल की अलीशा शर्मा रही। अदिति ने सभी विषयों में 100 प्रतिशत अंक हासिल किये जबकि अलीशा ने 650 में से 645 अंक हासिल किये। तीसरे स्थान पर करमनप्रीत कौर ने 650 में से 645 अंक हासिल किये। इस साल करीब 3 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। बोर्ड ने परीक्षा के परिणाम की सूची अपनी वेबसाइट पर भी डाल दी है। इस साल पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 13 फरवरी से 6 मार्च तक दसवीं की परीक्षा का आयोजन किया था। इसमें 2.97 लाख के करीब छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे।
आज के काम को कल पर नहीं छोड़ा : अदिति
पहले स्थान पर रही अदिति के पिता अजय कुमार सिंह की न्यू शिमलापुरी में दुकान है। अदिति का कहना है कि उसने यह मुकाम सेल्फ स्टडी से ही हासिल किया है। वह दिन में छह से सात घंटे तक पढ़ती थी। साथ ही उसने आज के काम को कल पर नहीं छोड़ा और खुद को अपडेट रखा। इसके अलावा अध्यापक ने स्कूल में जो भी पढ़ाया उसे अच्छी तरह से याद कर लिया। वह जीवन में सर्जन बनना चाहती हैं। आगे वे मेडिकल की शिक्षा हासिल करेंगी।
लड़कों से अधिक लड़कियां हुईं पास
परीक्षा में पास पर्सेंटेज में भी लड़कियों ने ही बाजी मारी। इस साल 1,32,642 में से 1,30,132 लड़कियां पास हुई हैं, जो 98.11 प्रतिशत है। वहीं 1,48,445 में से 143206 लड़के पास हुए हैं जिनकी पास पर्सेंट 96.47 प्रतिशत रही। इस साल 11 ट्रांसजेंडर भी परीक्षा में बैठे, जिनमें से 10 ने परीक्षा पास की है। वहीं, इस साल शहरों से अधिक पास पर्सेंट गांवों की रही। ग्रामीण एरिया के स्कूलों की पास पर्सेटेज 97.58 प्रतिशत रही, वहीं शहरी स्कूलों की पास पर्सेंट 96.6 रही।

अलीशा की भी डॉक्टर बनने की चाह
दूसरे स्थान पर रही अलशा शर्मा का कहना है कि उसके पिता पुरोहित हैं। वह कॉर्डियोलॉजिस्ट बनना चाहती है। इसलिए वह आगे मेडिकल की शिक्षा हासिल करेगी।
190 का परिणाम रोका
इस साल फेल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या 394 रही जबकि 7166 विद्यार्थियों की री-अपीयर आयी। 190 विद्यार्थियों का परिणाम किसी कारणवश रोक लिया गया है।
पास प्रतिशत में आई गिरावट
दसवीं का पास प्रतिशत इस साल 97.24 प्रतिशत रहा जो कि पिछले साल के मुकाबले थोड़ा कम है। 2023 में पास प्रतिशत 97.56 फीसदी था। परीक्षा में कुल 2,81, 098 छात्र उपस्थित हुए जिनमें से 2, 73, 348 ने यह परीक्षा पास की।

Advertisement

Advertisement