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इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के खतरे

06:45 AM Oct 07, 2024 IST
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के खतरे
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नया खतरा
लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी में विस्फोटक रखकर किए गए धमाके दिल दहला देने वाले हैं। यह नई तकनीक का खतरनाक उपयोग दर्शाता है। पहले से ही लोग साइबर अटैक से चिंतित हैं, अब मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे गैजेट्स भी खतरा बन गए हैं। इस्राइल ने युद्ध में दुश्मनों को नुकसान पहुंचाने के लिए जो तरीका अपनाया है, वह न केवल नया है, बल्कि खतरनाक भी। विशेषज्ञों को मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों से होने वाले संभावित खतरों के खिलाफ उपाय खोजने चाहिए। तब तक, नए गैजेट्स का उपयोग करने वालों को सतर्क रहना चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक
संदेह के घेरे में
प्राचीन काल में विभिन्न शक्तियों का दुरुपयोग मानव जाति के लिए हानिकारक होता था। आज विज्ञान की सुविधाओं का भी दुरुपयोग हो रहा है। हाल ही में लेबनान की राजधानी बेरूत में पेजर और वॉकी-टॉकी में हुए धमाकों ने यह दिखाया है कि राष्ट्रविरोधी तत्व तकनीक का दुरुपयोग कर सकते हैं। इन धमाकों में कई लोग घायल हुए और जान भी गई। यह स्थिति चिंता का विषय है, क्योंकि भविष्य में ऐसे हमले बढ़ सकते हैं। सभी देशों को इस खतरे के प्रति सतर्क रहकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि तकनीक का दुरुपयोग रोकने में मदद मिल सके। आयातित उपकरण अब संदेह के घेरे में आ गये हैं।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
विदेशी उपकरणों से खतरा
लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी में हुए धमाकों ने दुनिया का ध्यान खींचा है। आईटी युग में जीवन पूरी तरह से इन डिवाइस पर निर्भर हो गया है, और विदेशी उपकरणों का इस्तेमाल चिंता का विषय बन सकता है। भारत में कई विदेशी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मौजूद हैं, जिससे उपभोक्ताओं की चिंताएं बढ़ी हैं। सरकार और आयात कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि व्यापार के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा भी दांव पर न लगे। चीन जैसे पड़ोसी देशों की नजरें हमारी सीमाओं पर हैं। इसलिए, स्वदेशी तकनीक को विकसित करना और अपनाना जरूरी है। सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
सुरेन्द्र सिंह, महम
अनुसंधान से सुरक्षा
गत माह लेबनान में पेजर और वॉकी-टाकी जैसे संचार यंत्रों को हथियार बनाकर हुए विस्फोटों ने पूरी दुनिया के लिए चिंता बढ़ा दी है। लेबनान की सरकार ने इन हमलों के लिए इस्राइल को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके पास रिमोट हमलों का एक लंबा इतिहास है। साइबर हमलों और मारक ड्रोन के लिए कुख्यात इस्राइल का दुस्साहस किसी से छिपा नहीं है। इन विस्फोटों के परिणामस्वरूप हुई हत्याएं पूरी दुनिया को सकते में डाल चुकी हैं। भारत को भी अपने खुरापाती पड़ोसी की गतिविधियों को देखते हुए सावधान रहकर एंटी विस्फोटक चिप विकसित करने की आवश्यकता है।
ईश्वर चन्द गर्ग, कैथल
गहन जांच हो
लेबनान में पेजर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जरिए हुए अप्रत्याशित धमाकों से भारी तादाद में लोग हताहत हो गए और अनेक लोग मारे गए। अन्य देशों से आयातित उपकरणों के जरिए धमाके करवाने के आरोप इस्राइल पर लगे हैं। इस संघर्ष के व्यापक रूप लेने के आसार बढ़ गए। पश्चिम एशिया गाजा संघर्ष से पहले से ही नाजुक में था। अब संवेदनशीलता अधिक हो गई थी। उसे पेजर प्रकरण ने और गंभीर स्थिति में पहुंचा दिया। उक्त घटनाक्रम से उपजे युद्ध के कारण जटिल समस्याएं बढ़ी हैं। देश द्वारा आयातित उपकरण जांच का विषय है।
शिवरानी पुहाल, पानीपत
पुरस्कृत पत्र
राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निजता का अतिक्रमण, डाटा चोरी, जालसाजी, और जासूसी जैसे खतरे तो आम हैं, लेकिन पेजर और वॉकी-टॉकी के धमाकों ने इन्हें घातक हथियार बना दिया है। यह खतरा और बढ़ जाता है जब ये उपकरण देश में निर्मित नहीं होते। इन उपकरणों में की गई छेड़छाड़ सामान्य जांच से बच सकती है। भारत की चीन पर निर्भरता, लचर जांच प्रणाली, और कस्टम में भ्रष्टाचार देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। आत्मनिर्भरता, सघन जांच, और भ्रष्टाचार मुक्ति ही इस समस्या का समाधान है।
बृजेश माथुर, गाजियाबाद, उ.प्र.

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