सुखाने के लिए निर्माणाधीन शामली अम्बाला हाईवे पर डाली फसल
रादौर (निस)
उठान कार्य बेहद धीमी गति से होने के कारण रादौर अनाजमंडी धान से अटी पड़ी है। मंडियों में जगह नहीं मिलने के कारण अनेक किसान अपनी धान की फसल को सुखाने के लिए निर्माणाधीन शामली अम्बाला हाईवे पर डाल रहे हैं। मंडी में आए किसानों ने बताया कि तीन-तीन दिन बाद धान की फसल बिक रही है। कुछ किसानों ने बताया कि उनकी धान की फसल बिके हुए 10 से 12 दिन हो गए, लेकिन आज तक भ़ुगतान नहीं हुआ है। रादौर अनाजमंडी से धान का उठान न होने पर आढ़तियों द्वारा धान के भरे कट्टों के ढेर लगवाए गए हैं ताकि बरसात होने पर तुंरत धान को ढका जा सके। हरियाणा अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिव कुमार संधाला ने बताया कि रादौर अनाज मंडी मेें न तो धान की खरीद हो रही है और न ही उठान हो रहा है। रादौर अनाजमंडी में तीन लाख बोरियां धान की पड़ी है। भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान सुभाष गुर्जर ने बताया कि मंडियों में किसानो की धान की फसल में नमी बताकर लूटा जा रहा है। किसान अपनी धान की फसल को औने पौने दामों पर बेचने के लिए विवश हो रहे हैं। धान खरीद एजेंसी के हैफेड के डीएम शीश पाल व हरियाणा वेयरहाऊस के प्रबंधक संदीप कुमार ने बताया कि राईस मिलरों की हड़ताल के कारण दिक्कतें आ रही थी। राईस मिलरों की हड़तान खत्म हो चुकी है। उन्होंने बताया कि मंडियों में खरीदी गई धान का उठान तेजी से हो, इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।