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ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद, मुआवजे के लिए किसानों का प्रदर्शन

10:21 AM Mar 05, 2024 IST
ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद  मुआवजे के लिए किसानों का प्रदर्शन
भिवानी में सोमवार को बर्बाद फसलों के मुआवजे के लिए ज्ञापन सौंपतें किसान। -हप्र
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भिवानी, 4 मार्च (हप्र)
अखिल भारतीय किसान सभा जिला कमेटी के नेतृत्व में 12 गांवों के किसानों ने डीसी कार्यालय भिवानी के सामने ओलावृष्टि की विशेष गिरदावरी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। किसानों ने भिवानी नागरिक उपमंडल अधिकारी विशाल के माध्यम से मुख्यमंत्री व डीसी को ज्ञापन दिया।
प्रदर्शन की अध्यक्षता किसान सभा के जिला प्रधान रामफल देशवाल ने की। किसान सभा के जिला उपप्रधान कामरेड ओम प्रकाश ने कहा कि शनिवार को हुई ओलावृष्टि से कई गांव में किसानों की सरसों, गेहूं व अन्य फसलें बर्बाद हो गई हैं। गांव मनहेरु, मधमाधवी, धारेडू, गोरीपुर, कितलाना, नांगल, उमरावत व आसपास के गांव की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। इन गांवों के किसान अपने बर्बाद पौधों को लेकर डीसी से मिलने पहुंचे, लेकिन डीसी की अनुपस्थिति में एसडीएम व नगराधीश ने किसानों की बात सुनी और विशेष गिरदावरी करवाने का आश्वासन दिया।
इस मौके पर विधायक घनश्याम सर्राफ ने भी किसानों को विशेष गिरदावरी करवाने व मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया। किसान नेताओं ने हरियाणा सरकार से मुआवजे के रूप में 50 हजार रुपये प्रति एकड़ देने की मांग की।
प्रदर्शन में किसान नेता मास्टर शेरसिंह, युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान, नरेंद्र धनाना, प्रताप सिंह सिंहमार, कृष्ण धनाना, महाबीर फोजी, बलजीत मोखरा, भगवान सिंह मनहेरू, रवि मनहेरू, मनोज मनहेरु, सुनिल, ओमप्रकाश मनहेरु, अमित नांगल व अरविंद गोरीपुर समेत सैकड़ों किसान शामिल रहे।

50 हजार रुपये एकड़ मिले मुआवजा : शिव शंकर भारद्वाज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक डॉ शिव शंकर भारद्वाज ने भिवानी विधानसभा क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांवों में ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का तुरंत प्रभाव से सरकार किसानों को प्रति एकड़ 50000 रूपये मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को तुरंत प्रभाव से विशेष गिरदावरी करवारकर किसानों को मुआवजा देना चाहिए।

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सीएम व डिप्टी सीएम के नाम सौंपा मांगपत्र

ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों के मुआवजे व अन्य मांगों को लेकर जजपा ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के नाम मांगपत्र सौंपा। जजपा ने मुआवजा राशि 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने सहित अन्य मांगे रखी। जजपा के जिला प्रधान जोगेंद्र सिंह बागनवाला ने कहा कि ओलावृष्टि के कारण जिला भर के विभिन्न क्षेत्रों में किसानों को खासा नुकसान हुआ है। । इस मौके पर हलका अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा, ईश्वर मान, अवतार सांगवान, यशवीर घणघस, देवेंद्र नकीपुर, मांगेराम तोंदवाल, वेद सहरावत, मदन यादव,सुमित श्योराण, इकबाल सहरावत, राजेश ग्रेवाल, संजय कारखल, शंकर आहुजा मौजूद रहे।

रोहतक में विशेष गिरदावरी की मांग

रोहतक (हप्र) : ओलावृष्टि से 100 प्रतिशत बर्बाद फसलों के मुआवजे के लिए सोमवार को दोबारा दर्जनों गावों के किसान डीसी कार्यालय पर पहुंचे। किसानों ने प्रशासन से स्पेशल गिरदावरी कराने की मांग की। इस मौके पर एसडीएम, तहसीलदार एडीसी, जिला राजस्व अधिकारीऔर कृषि अधिकारी मौके पर पहुंचे। बाद में एडीसी वैशाली सिंह ने लघु सचिवालय में किसान प्रतिनिधियों से बात की। किसान सभा महासचिव सुमित दलाल ने बताया की ओलावृष्टि से किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। प्रदर्शन में शामिल सभी गावों की पंचायतों ने ऑनलाइन, पोर्टल की शर्तों को हटाने की मांग की। किसानों ने यह भी मांग की की फसल बीमा योजना में बीमित किसानों के लिए शिकायत देने समय 72 घंटे की बजाय एक हफ्ता किया जाए और बीमित किसानों की शिकायतों का निपटारा कार्यालय द्वारा किया जाएं। एडीसी ने किसानों का आह्वान किया कि वे ओलावृष्टि की वजह से नष्ट हुई फसलों का ब्योरा की ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अवश्य दर्ज करवाएं। उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति पोर्टल पर पंजीकरण हेतु मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है।

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किसान ट्रैक्टरों पर सवार, पहुंचे प्रशासन के द्वार

चरखी दादरी में ट्रैक्टरों पर लघुसचिवालय पहुंचे किसान

चरखी दादरी, 4 मार्च (हप्र)
बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित चरखी दादरी जिले के कई गांवों के किसान बर्बाद फसलों के साथ सोमवार को ट्रैक्टरों पर सवार होकर लघु सचिवालय पहुंचे। किसानों ने अधिकारियों से मिलकर स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की मांग उठाई। वहीं, किसानों ने दादरी के निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान पर भड़ास निकालते हुए कहा कि वे केवल वोट लेने के लिए आते हैं। उनको किसानों से कोई मतलब नहीं है।

उनसे बात करते पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान। -हप्र

प्रदर्शन में गांव सांवड़, डोहकी, सांजरवास, रासीवास, नरसिंहवास, छपार सहित कई गांवों के किसान शामिल हुए। किसान रणधीर सिंह, नफे सिंह, फूल सिंह, शिवकुमार व राजेश ने बताया कि डीसी कार्यालय में नहीं थे, इसलिए ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि के बाद कोई अधिकारी व कोई जनप्रतिनिधि उनके पास नहीं पहुंचा। बर्बाद फसलों और अन्य मांगों को लेकर भाकियू की अगुवाई में बाढड़ा में किसान सड़कों पर उतरे और रोष प्रदर्शन किया। किसानों ने बाढ़ड़ा एसडीम सुरेश कुमार को ज्ञापन सौंपा व जल्द उनकी मांगें नहीं मानने पर बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इस अवसर पर संदीप सांगवान, सरपंच रामचंद्र, रामसिंह गोपी, जितेंद्र मांढी, आनंद वालिया, गिरधारी मोद, ओमप्रकाश उमरवास, जितेंद्र डांडमा, विजय पंचगांव, देवेंद्र जेवली मौजूद रहे।

सतपाल सांगवान ने की कृषि मंत्री से बात

इस दौरान किसानों के बीच पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान पहुंचे और उन्होंने फोन पर कृषि मंत्री से बात करने के बाद किसानों को आश्वासन दिया कि उनके नुकसान की भरपाई करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि वे स्वयं भी किसानों के बीच पहुंचेंगे। इसके अलावा, सतपाल सांगवान ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से बात की।

नारनौंद में गिरदावरी की मांग

नारनौंद में सोमवार को फसलों को हुए नुकसान को दिखाते किसान। <<

नारनौंद (निस) : तेज बारिश व ओलावृष्टि से गेहूं में सरसों की फसल में किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार से मांग की कि जल्द गिरदावरी करवाकर 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की घोषणा की जाए। किसान शिल्लू लोहान, पाला नंबरदार, सुनील कुमार, कप्तान सिंह, कर्मवीर, विकास, संदीप, रामहेर, पूर्व एमसी राकेश, मनदीप, रामफल सैनी ने बताया कि आंधी के साथ भारी बारिश और ओलावृष्टि ऐ गेहूं व सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। बारिश के कारण गेहूं की बालियां टूटकर नीचे गिर चुकी हैं। सरकार से मांग है कि जल्द मुआवजा राशि देने की घोषणा करें।

मुआवजा जल्द दे सरकार : अनिल धनखड़

चरखी दादरी (हप्र) : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल धनखड़ ने कहा कि सरकार ओलावृष्टि से बर्बाद किसानों की फसल की सरकार द्वारा विशेष गिरदावरी करवाकर प्रति एकड़ 40 हजार रुपये मुआवजा दे। उन्होंने कहा कि पोर्टल की बजाय धरातल पर सही आकलन करवाया जाए और तुरंत प्रभाव से रिपोर्ट तैयार करवाई जाए। उन्होंने कहा कि तेज हवाओं से फसल गिर गई है। इसके चलते दाना कमजोर रहने व उत्पादन कम होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि सरकार को बीमा कंपनियों की मनमानी पर तुरंत संज्ञान लेते हुए किसानों को उनका हक देने का काम करना चाहिए।

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