मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

सनक से सन्न

07:16 AM Dec 02, 2023 IST
Advertisement

दिल्ली का बादशाह मोहम्मद तुगलक विद्वान भी था और उदार भी। प्रजा के लिए कई उपयोगी काम भी उसने किए; किंतु दो दुर्गुण ऐसे थे, जिनके कारण वह बदनाम भी हुआ और दुर्गति का शिकार भी। एक तो वह अहंकारी था, किसी की उपयोगी सलाह भी अपनी बात के आगे स्वीकार नहीं करता था, दूसरा जल्दबाज भी इतना था कि जो मन में आए उसे तुरंत कर गुजरने के लिए आतुर हो उठता था। उसी सनक में उसने नई राजधानी दौलताबाद बनाई और बन चुकने पर कठिनाइयोें को देखते हुए रद्द कर दिया। एक बार बिना चिन्ह के तांबे के सिक्के चलाए, लोगों ने नकली बना लिए और अर्थ-व्यवस्था बिगड़ गई। फिर निर्णय किया कि तांबे के सिक्के खजाने में जमा करके, चांदी के सिक्कों में बदल लें। लोग सारा सरकारी कोष खाली कर गए। फिर एक बार चौगुना टैक्स बढ़ा दिया। लोग उसका राज्य छोड़कर अन्यत्र भाग गए। विद्वता और उदारता जितनी सराहनीय है उतनी ही अहंकारिता और जल्दबाजी हानिकारक है। प्रस्तुति : मुकेश ऋषि

Advertisement
Advertisement
Advertisement