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मेले में शिल्पकार, बुनकर बिखेर रहे कला के हुनर

10:15 AM Aug 25, 2024 IST
साक्षी व रीतू द्वारा बनाई गई कलाकृतियों को देखते हुए आगुंतक।

बहादुरगढ़, 24 अगस्त (निस)
प्राचीन कारीगर एसोसिएशन, रुडफ व सिडबी के सहयोग से सेक्टर-6 के सामुदायिक केन्द्र में चल रहे स्वावलंबन मेले में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। इस मेले में प्रदेश के अलावा विभिन्न प्रदेशों से आये शिल्पकार, बुनकर व स्वयं सहायत समूह से जुड़ी महिलाएं अपनी कला व उत्पादों से अपनी प्रतिभा का हुनर बिखेर रही हैं। मेले का अवलोकन करने वाले लोग भी हाथों से बने उत्पादों की जमकर खरीददारी भी कर रहे हैं। 22 अगस्त से शुरू हुआ पांच दिवसीय स्वावलंबन मेला कलाकरों को न केवल नया प्लेटफार्म उपलब्ध करवा रहा है बल्कि उनके कार्यों को सम्मान भी दिला रहा है। मेले के तीसरे दिन शनिवार को खूब भीड़ उमड़ी। मेले में राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हिमाचल, पश्चित बंगाल, गुजरात, असम, पंजाब समेत कई अन्य सूबों के कलाकार अपने हाथ का हुनर दिखा रहे हैं। हरियाणा की लोक संस्कृति को स्वावलंबन मेले में बढ़ावा मिल रहा है। क्षेत्र की 20 महिलाओं से अधिक इस मेले में अपनी कला का प्रदर्शन कर रही हैं।
'शिल्पकारों, बुनकरों को एक मंच पर लाना उद्देश्य'
प्राचीन कारीगर एसोसिएशन से नेशनल अवार्ड विजेता महाबीर प्रसाद बोंदवाल व शिल्पगुरु व नेशनल अवार्ड विजेता राजेंद्र प्रसाद बोंदवाल, रुडफ से डॉ. राजेंद्र जांगड़ा, सूर्यकांत बोंदवाल का कहना है कि मेले का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में लघु एवं कुटीर उद्योग से जुड़े शिल्पकार एवं बुनकरों को एक मंच पर लाकर राष्ट्र के विकास में जोड़ना है। 2015 से जिले में पेंटिंग, सांझी आर्ट, टेराकोटा, हैंड एंब्रायडरी, ब्लॉक प्रिंट, ज्वैलरी मेकिंग, मधुबनी पेंटिंग, लकड़ी पर नकाशी व हस्तशिल्प एवं हथकरघा से से जुड़ी हुई अन्य कलाओं का प्रचार प्रसार हुआ है।

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सांझी पेपर आर्ट में साक्षी ने छोड़ी छाप
बहादुरगढ़ के अनाजमंडी से साक्षी व दिल्ली से आयी रितू भी कला जगत में अपनी खास पहचान बना रही हैं। रितू ने पेपर मैशिंग में पारंगत होकर स्वयं को न केवल आत्मनिर्भर बनाया है बल्कि वह दूसरी बेटियों को भी प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। साक्षी गर्ग भी सांझी पेपर आर्ट में अपनी कला की छाप छोड़ रही है। उनकी कलाकृतियों को मेले में आने वाले लोग न केवल बेहद पसंद कर रहे हैं बल्कि खरीद भी रहे हैं।
हैंडलूम साड़ी की भी खूब डिमांड
दार्जलिंग से आई बुनकर तान्द्रा द्वारा बनाई गई हैंडमेड ज्वैलरी की भी खूब डिमांड है। मेले में बच्चों के लिए विभिन्न वैरायटी के खिलौने व अन्य सामान की भी खूब खरीद हो रही है। पश्चिम बंगाल से आये ईश्वर चंद जना की काथा स्टीच में हैंडलूम साड़ी की भी खूब डिमांड है। उनके पास 700 रुपए से लेकर 13 हजार रुपए तक उत्पादों की खरीददारी हो रही है। दिल्ली से संजीव शर्मा द्वारा हाथों से की गई ब्लाक प्रीटिंग भी बेहद खास है। फुलकारी वर्क में कोटा डोरिया साड़ियां, सूट, दुपट्टे आदि भी बेहद पसंद किये जा रहे हैं। 26 अगस्त तक चलने वाला यह स्वावलंबन मेला सिडबी के सहायक महाप्रबंधक जितेंद्र जैन की देखरेख में चल रहा है।

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