For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

तर्कशीलता का साहस

08:20 AM Jul 20, 2023 IST
तर्कशीलता का साहस
Advertisement

एकदा

Advertisement

बात उन दिनों की है, जब सारा यूरोप पोप की शक्ति के आगे नतमस्तक था। यूरोप के शक्तिशाली नरेश भी उसकी अजेय शक्ति से कांपते थे। इधर मार्टिन लूथर किंग अपनी शिक्षा का प्रचार-प्रसार निर्भीकता से कर रहे थे। उनकी सुधारवादी विचारधारा से खिन्न होकर पोप ने मार्टिन को एक आदेश भेजा। उनका आदेश अनुल्लंघनीय था, परंतु मार्टिन ने यह आदेश पत्र उसके सेवक के सामने ही फाड़कर जला दिया। जब यह बात पोप को मालूम हुई तो एक चेतावनी भरा पत्र मार्टिन को भेजा, जिसमें लिखा था कि यदि तुम अपनी हरकतों से बाज नहीं आये, तो तुम्हारा सिर कलम कर दिया जाएगा। मार्टिन ने निर्भीकतापूर्वक उत्तर दिया, ‘खेद है कि मेरे एक ही सिर है यदि हजार सिर होते तो वे सब इस धर्म यज्ञ में बलि चढ़ाये जाते तो मैं अपने आपको धन्य मानता।’ प्रस्तुति : पुष्पेश कुमार पुष्प

Advertisement
Advertisement
Tags :
Advertisement