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पार्षदों ने इंफोर्समेंट विभाग की कार्यप्रणाली पर साधा निशाना

10:28 AM Aug 28, 2024 IST
पार्षदों ने इंफोर्समेंट विभाग की कार्यप्रणाली पर साधा निशाना
चंडीगढ़ में मंगलवार को नगर निगम की बैठक में मेयर कुलदीप कुमार पार्षदों को संबोधित करते हुए। -दैनिक ट्रिब्यून

मनीमाजरा (चंडीगढ़), 27 अगस्त (हप्र)
मंगलवार को नगर निगम की बैठक हंगामेदार रही। करीब चार घंटे तक जीरो ऑवर ही चलता रहा। कई मौके पर बहस दिशाहीन और मुद्दे से हट गई। इस दौरान शहर में हुए अतिक्रमण के चलते इंफोर्समेंट विभाग पर आरोपों का दौर भी चला। पूरी सदन बैठक इंफोर्समेंट विंग की कार्यप्रणाली पर केंद्रित रही।
विंग के रवैये पर पार्षदों ने एकमत होते हुए तमाम सवाल उठाए। वहीं, जीरो ऑवर इतना लंबा खिंच गया कि पूरे समय मेयर कुलदीप कुमार प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए विनती करते रहे। उनकी खासकर भाजपा के नेता प्रतिपक्ष कंवर राणा से तीखी बहस हुई। मैराथन चले जीरो ऑवर को लेकर आलम यह रहा कि लंच के बाद तक भी दूसरा प्रस्ताव आने में भी 4.15 बजे गए। जीरो ऑवर को लेकर पहले ही इतना समय खराब हो चुका था सप्लीमेंट्ररी प्रस्ताव आते आते निगम कमिश्नर का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे डीसी विनय प्रताप सिंह ने समय का हवाला देते हुए पार्षदों से कहा कि जिन्हें भी प्रस्ताव को लेकर आपत्ति है वे लिखित मे दर्ज करा दें। इससे पूर्व पार्टी लाइन से हटकर सभी पार्षदों ने मंगलवार को इंफोर्समेंट विंग के अधिकारियों पर जमकर निशाना साधा। बैठक की सह-अध्यक्षता करते हुए निगम कमिश्नर का कार्यभार संभाल रहे विनय प्रताप सिंह ने कहा कि हम अतिक्रमण के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे और संबंधित अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर अवैध विक्रेताओं को हटाने के निर्देश दिए। साथ ही विंग से तय शैड्यूल और चार्ज भी मांगा। भाजपा पार्षद सौरभ जोशी ने आरोप लगाते हृुए कहा, मैं आधिकारिक तौर पर कह रहा हूं कि ‘नगर निगम भ्रष्टाचार का अड्डा’ बन गया है।
आप पार्षद दमनप्रीत सिंह ने कहा- सेक्टर-22 शास्त्री मार्केट में अवैध वेंडरों से पैसे वसूले जा रहे हैं। शाम 7 बजे तक आने वाली विंग टीम शाम 6 बजे ही निकल जाती है।
पार्षद प्रेम लता ने सवाल उठाया कि विंग का दल का समय सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे के बजाय दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक क्यों नहीं बदला जा सकता। उन्होंने कहा कि अधिकारी उनके साथ मिलीभगत रखते हैं।
वार्ड नंबर 35 के एक स्क्रैप डीलर का उदाहरण देते हुए भाजपा पार्षद राजिंदर ने कहा कि स्क्रैप डीलर ने उन्हें चुनौती दी थी कि उन्हें यहां से कोई नहीं हटा सकता और वह नगर निगम के अधिकारियों को 15000 रुपये प्रति माह देता है।
इस पर डीसी ने उन्हें कहा कि मेरे कानों में धीरे से उसका नाम बता दें, यह सुनकर सदन हंसी में गूंज उठा।

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निगम का वित्तीय स्टेटस बताया

भोजनकाल के बाद जब प्रस्ताव पर चर्चा का नंबर आया तो भाजपा पार्षदों ने निगम का वित्तीय स्टेटस जानना चाहा। सदन सचिव ने फाइल मंगा कर सदन पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि केंद्र से ग्रांट 560 करोड़ है, जिसमें 244 करोड़ आ चुके हैं और 300 करोड़ शेष बैलेंस है। 60 करोड़ कमिटमेंट देनदारी है जो आती-जाती है। जबकि एक हजार करोड़ का बजट है । उन्होंने बताया कि 450 करोड़ निगम का टैक्स जोड़कर रिसिप्ट है।

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