For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

देश में कपास का बिजाई क्षेत्र 11 लाख हेक्टेयर घटा

10:06 AM Nov 25, 2024 IST
देश में कपास का बिजाई क्षेत्र 11 लाख हेक्टेयर घटा
फतेहाबाद अनाज मंडी में नरमा/कपास की होती खरीद।-हप्र
Advertisement

मदन लाल गर्ग/हप्र
फतेहाबाद, 24 नवंबर
इस बार देश में कपास की बिजाई 11 लाख हेक्टेयर कम क्षेत्र में हुई है। अकेले पंजाब, राजस्थान, हरियाणा में ही कपास की बिजाई 7 लाख हेक्टेयर कम क्षेत्र में हुई है। यह कहना है भारतीय कपास निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ललित कुमार गुप्ता का।
उन्होंने ‘दैनिक ट्रिब्यून’ से बात करते हुए बताया कि इस बार उत्पादन की संभावना ज्यादा है। इस कारण अनुमान है कि देश में रुई का उत्पादन 325 लाख गांठ तक पहुंच जाएगा। हालांकि] देश के कृषि विभाग का अनुमान 300 लाख गांठ के उत्पादन का है।
गौरतलब है कि बीते साल जिले सहित हरियाणा व साथ लगते पंजाब, राजस्थान के कपास बिजाई क्षेत्र में गुलाबी सुंडी का प्रकोप ज्यादा था, जिस कारण कपास की बिजाई करने वाले किसान घाटे का शिकार हुए। शायद यही कारण रहा कि किसान कपास के बजाय धान की खेती की ओर चले गए। अकेले फतेहाबाद जिले में ही इस साल 7600 हेक्टेयर कपास की बिजाई करने वाले किसानों ने धान की बिजाई की।
हालांकि इस साल कपास की फसल पर कोई बीमारी नहीं हुई। इस समय कपास के भाव भी जिले में 7200 से लेकर 7500 रुपए प्रति क्विंटल तक हैं, जबकि दिवाली से पहले कपास के भाव 8300 रुपए तक चले गए थे। जिले में भारतीय कपास निगम भी कपास (नरमा) की खरीद करती है, लेकिन सीसीआई कपास समर्थन मूल्य पर खरीदती है। जिला फतेहाबाद सहित सारे क्षेत्र में होने वाली 27एमएम रेशे वाली कपास का समर्थन मूल्य 7221 तथा 28एमएम रेशे वाली कपास का समर्थन मूल्य 7421 है।
इसके अलावा सीसीआई 8 फीसदी से 12 फीसदी नमी वाली ही कपास किसान से सीधे खरीदती है। इस कारण मंडी के आढ़ती को अढ़ाई फीसदी कमीशन नहीं मिल पाता। यही कारण है कि जिले में सीसीआई की खरीद होने के बावजूद भी उसे कपास नहीं मिल पाती, क्योंकि कपास का बाजार भाव मंदे में बराबर या फिर तेज बिकता है। पिछले दिनों जब भाव 7 हजार रुपए के करीब आया तभी किसानों ने अपनी कपास की फसल निगम को दी। जिले की भट्टू मंडी में मात्र एक दिन ही सीसीआई को मात्र 30 क्विंटल नरमा मिला।
फतेहाबाद के रुई के ब्रोकर प्रदीप कुमार ने बताया कि फ़िलहाल रुई का भाव 5630 रुपए मन (एक गांठ 40 किलो) चल रहा है, जबकि दिवाली से पहले 5825 रुपए प्रति मन था। रुई व्यापारी इस साल कपास के भाव बढ़ने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं, उनका कहना है कि बिजाई क्षेत्र कम होने के कारण भाव बढ़ेंगे। इस बार दक्षिण भारत के राज्यों में कपास के बंपर उत्पादन का अनुमान है।

Advertisement

भारतीय कपास निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कहते हैं

निगम के सीएमडी ललित कुमार गुप्ता ने बताया कि मुख्य रूप से देश में महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक में कपास होती है। निगम यह सुनिश्चित करता है कि किसान को अपनी फसल के दाम समर्थन मूल्य से कम न मिलें। अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से कपास के रेशे की लंबाई अनुसार समर्थन मूल्य भी अलग-अलग है।

बैंक खाता आधार से जुड़ा होना चाहिए : सचिव

मार्केट कमेटी सचिव यशपाल मेहता का कहना है कि किसान का बैंक खाता आधार से जुड़ा होना और एक्टिव होना चाहिए, तभी फसल का भुगतान हो पाएगा। अगर किसी किसान का खाता एक्टिव नहीं है तो वह फसल बेचने से पहले या बेचने के तुरंत बाद खाता बैंक से एक्टिव करवा ले। प्रत्येक किसान से एक एकड़ पर 7 क्विंटल नरमे की ही खरीद की जाएगी। खरीद सप्ताह में 5 दिन होगी। शनिवार व रविवार को अवकाश रहेगा।

Advertisement

Advertisement
Advertisement