शिमला की संजौली मस्जिद पर फिर विवाद गरमाया
शिमला, 26 दिसंबर (हप्र)
राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद पर विवाद फिर से गरमा गया है। देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली मस्जिद पर बड़ा दावा किया है। समिति का दावा है कि संजौली में बनी मस्जिद पूरी ही अवैध है और यह सरकारी जमीन पर बनी है। मस्जिद को लेकर बृहस्पतिवार को राजधानी शिमला में देवभूमि संघर्ष समिति के सचिव ने पत्रकार वार्ता की। इस दौरान न्यायायल में लोकल रेजिडेंट के वकील जगपाल भी मौजूद रहे, जिन्होंने इस पूरे मामले के कानूनी पक्ष पर बात रखी। संजौली मस्जिद मामले में लोकल रेजिडेंट वकील जगतपाल ने रेवेन्यू रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ होने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि अब तक के रेवेन्यू रिकॉर्ड और जमाबंदी में जमीन का मालिकाना हक हिमाचल सरकार के पास है।
उन्होंने कहा कि बक्फ बोर्ड के पास मस्जिद का रेवेन्यू रिकॉर्ड नहीं है। अभी नगर निगम आयुक्त के कोर्ट में 21 दिसंबर को हुई सुनवाई में वक्फ़ बोर्ड कोर्ट में रेवेन्यू रिकॉर्ड पेश करने के लिए समय मांगा है।
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड द्वारा रेवेन्यू रिकॉर्ड को पेश करने के लिए समय मांगे जाने से शक पैदा होता है। उन्होंने कहा कि अभी तक के रेवेन्यू रिकॉर्ड के अनुसार पूरी मस्जिद अवैध है। देवभूमि संघर्ष समिति के प्रांत सचिव विजेंद्र पाल सिंह ने कहा कि संजौली मस्जिद को लेकर लोगों में भ्रम फैल रहा है।
इसलिए इस पूरे विषय को लेकर आज उन्होंने पक्ष रखने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि देवभूमि संघर्ष समिति का आंदोलन हिंसक नहीं था।
इस मामले में बहुत लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि अभी देवभूमि संघर्ष समिति भी न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रही है। पाल ने कहा कि देवभूमि संघर्ष समिति 15 दिसंबर को न्यायालय के निर्णय के बाद आगे का रुख तय करेगी।