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ट्रैक से उतरा जींद में रेलवे के हाइड्रोजन प्लांट का निर्माण

08:31 AM Dec 16, 2023 IST

जसमेर मलिक / हप्र
जींद, 15 दिसंबर
जींद रेलवे जंक्शन पर देश के पहले हाइड्रोजन गैस प्लांट का निर्माण समय पर पूरा नहीं हो पाएगा। इसके लिए डेडलाइन सिर पर है, लेकिन फिलहाल आधा काम भी नहीं हुआ है। इसके चलते अब साल 2024 के अंत में हाइड्रोजन गैस प्लांट का निर्माण पिछले साल शुरू हुआ था। यह हाइड्रोजन गैस से ट्रेनों को चलाने की योजना के लिए बड़ा झटका है। रेलवे जंक्शन पर 118 करोड़ रुपए की लागत से हाइड्रोजन गैस प्लांट का निर्माण पिछले साल शुरू हुआ था। यह गैस प्लांट दो हजार मीटर एरिया में लगाया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य दिसंबर 2023 के अंत तक पूरा होने की बात कही गई थी।

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शुरु में पकड़ी गति मगर फिर लगे ब्रेक

जींद रेलवे जंक्शन पर हाइड्रोजन प्लांट 2023 के निर्माण कार्य ने शुरू में तेज रफ्तार पकड़ी थी, मगर अब इस पर ब्रेक लग गए हैं। निर्माण की डेडलाइन सिर पर है, मगर अभी काफी निर्माण बाकी है। जिस रफ्तार से निर्माण कार्य चल रहा है, उसे देखते हुए अगले साल मई महीने तक भी निर्माण पूरा होने की उम्मीद नहीं है।

मार्च तक बढ़ी डेडलाइन

रेलवे ने जींद में हाइड्रोजन प्लांट के निर्माण की डेडलाइन दिसंबर 2023 से बढ़ाकर अब मार्च 2024 कर दी है। निर्माण की हालत यह है कि अगले साल मार्च की बात तो दूर, मई महीने तक भी निर्माण पूरा हो पाना मुश्किल लग रहा है। फिलहाल निर्माण कार्य बंद पड़ा है। अभी तक इसकी ड्राइंग फाइनल नहीं हुई है। रेलवे ने तीसरी कंपनी को निर्माण का काम सौंपा है। ग्रीन कंपनी ने शर्तों के अनुसार काम नहीं किया तो रेलवे ने उसका टेंडर रद्द कर मेधा कंपनी को निर्माण की जिम्मेदारी दी है।
इन हाइड्रोजन गैस से चलने वाली ट्रेनों को सबसे पहले जींद-सोनीपत रूट पर चलाया जाएगा।
इसके बाद दिल्ली से बठिंडा और जींद से कुरुक्षेत्र रूट पर हाइड्रोजन ट्रेन चलेंगी। जींद में रेलवे के हाइड्रोजन प्लांट के निर्माण में देरी को लेकर स्टेशन अधीक्षक जेपी यादव ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं। संबंधित अधिकारी दिल्ली में बैठते हैं।

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यह है पूरा प्रोजेक्ट

118 करोड़ की लागत हाइड्रोजन प्लांट के निर्माण पर आएगी। इस प्लांट में जिस हाइड्रोजन गैस का उत्पादन होगा, उससे ट्रेनें 140 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार से दौड़ेंगी। इन ट्रेनों में सफर प्रदूषण रहित होगा। हाइड्रोजन गैस से चलने वाले ईंजन धुआं की बजाय भांप और पानी छोड़ेंगे, इसलिए इसमें धुआं नहीं निकलेगा। यह योजना पर्यावरण संबंधी समस्या को ध्यान में रखते हुए स्वच्छ और शुद्ध सफर करवाने के लिए ही तैयार की गई है। हाइड्रोजन ट्रेन पारंपरिक डीजल इंजन की तुलना में 60 फीसदी कम शोर करेगी। इसकी रफ्तार और क्षमता डीजल ट्रेन के बराबर होगी।

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