For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

ज्यादा जोश में होश खो रहे हैं कांग्रेस नेता : जयराम

08:10 AM Apr 28, 2024 IST
ज्यादा जोश में होश खो रहे हैं कांग्रेस नेता   जयराम
Advertisement

रामपुर बुशहर, 27 अप्रैल (निस)
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के नेता सिर्फ़ जोर से बोल रहे हैं और ज्यादा जोश में होश खो रहे हैं। अभी चुनाव तो दूर पर्चा भी दाखिल नहीं हुआ लेकिन कुछ लोग खुद को एमपी मान बैठे हैं। जो लोग लंबे समय तक पॉवर में रहे । इस समय भी सत्ता में हैं, वह दूसरों से सवाल पूछ रहे हैं कि आपने क्या किया? जबकि उन्हें खुद बताना चाहिए कि उन्होंने क्या-क्या किया है। जयराम ठाकुर आज रामपुर में भाजपा के पन्ना प्रमुख सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उनके साथ मंडी की लोकसभा प्रत्याशी कंगना रनौत, रामपुर से विधानसभा के प्रत्याशी रहे कौल नेगी समेत अन्य नेता व पदाधिकारी उपस्थित थे।
जयराम ठाकुर ने विक्रमादित्य सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि रामपुर में जनता की मांग पर दर्जनों संस्थान खोले लेकिन सुक्खू सरकार ने बंद कर दिये। पीडब्ल्यूडी मंत्री होने के नाते विक्रमादित्य सिंह खुद उस कैबिनेट में मौजूद रहे, जिसमें संस्थानों को बंद करने का फ़ैसला हुआ। अपनी कलम से उन्होंने रामपुर के पीडब्ल्यूडी के डिवीज़न कार्यालय को बंद करने की फाइल पर दस्तख़त किए। जबकि उन्हें इसके खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए थी। मुख्यमंत्री के इस जनविरोधी फैसले का विरोध करना चाहिए था। लोगों की ज़रूरतों के लिए जो संस्थान खोले गये थे उन्हें विरोध की राजनीति के चलते बंद कर दिया और हमेशा सही का समर्थन और गलत का विरोध करने वाले मंत्री चुपचाप बैठे रहे। उन्होंने पूछा कि क्या वह रामपुर के अस्पतालों, स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने को सही मान रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब देश ने नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का मन बना लिया है और चार सौ से ज़्यादा सीटों से भाजपा सरकार बनाएगी।

‘सिर्फ चुनावों के वक्त माताओं -बहनों का आता है ख्याल’
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस को सिर्फ चुनावों के वक्त वोट के लिए माताओं बहनों का ख्याल आता है। पंद्रह महीनों से कांग्रेस की प्रदेश में सरकार चल रही है लेकिन तब इन्हें महिलाओं को 1500 देने की याद नहीं आई और अब जब वोट मांगने का वक्त आया तो फिर माताओं और बहनों को लाइनों में खड़ा कर फार्म भरने के लिए कहा जा रहा है। इनकी अगर देने की मंशा होती तो अपने किए उस वायदे के मुताबिक पहली कैबिनेट मीटिंग के बाद दे देते। उन्होंने विक्रमादित्य से पूछा कि इन 15 महीनों में आपने क्या किया।

Advertisement

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×