प्रत्याशियों को लेकर कांग्रेस दुविधा में, 10 को फिर होगा मंथन
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 8 मार्च
हरियाणा कांग्रेस के नेताओं में लोकसभा चुनावों के प्रत्याशियों को लेकर बड़ा द्वंद्व चल रहा है। पिछले दिनों नयी दिल्ली में पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक प्रत्याशियों के फाइनल पैनल को अंतिम रूप नहीं दिया जा सकता है। अब रविवार (10 मार्च) को एक बार फिर स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन भगत चरण दास की अध्यक्षता में नयी दिल्ली में बैठक होगी। इस बैठक में राज्य में लोकसभा की 10 में से नौ सीटों पर मंथन किया जाएगा। कुरुक्षेत्र संसदीय सीट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच हुए समझौते के तहत आप के कोटे में जा चुकी है। आप की ओर से पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डॉ़ सुशील गुप्ता को उम्मीदवार भी घोषित किया जा चुका है। वहीं कांग्रेस अभी तक एक भी सीट पर अपना प्रत्याशी फाइनल नहीं कर पाई है। रविवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में नौ सीटों के लिए प्रत्याशियों का फाइनल पैनल तैयार करके पार्टी नेतृत्व को सौंप दिया जाएगा।
इसके बाद 11 मार्च को होने वाली कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में हरियाणा पर भी मंथन हो सकता है। भगत चरण सिंह की अध्यक्षता में बनी स्क्रीनिंग कमेटी में नरेंद्र दांगी व यशोमति ठाकुर सदस्य हैं। वहीं हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया, पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा तथा प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान भी इस बैठक में भाग लेंगे। अभी तक स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से टिकट के लिए आए आवेदनों की छंटनी करके मुख्य नेताओं के नाम शॉर्टलिस्ट किए जा चुके हैं।
इनमें से एक सीट पर ब्राह्मण तय
पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा अपने बेटे चाणक्य पंडित के लिए करनाल से टिकट की जुगत में हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी खुद कुलदीप को सोनीपत से लड़वाने पर भी मंथन कर रही है। अगर इस तरह के समीकरण बने तो करनाल से पार्टी के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र राठौर का दावा मजबूत हो जाएगा। राहुल गांधी के नजदीकियों में शामिल राठौर यहां से टिकट के लिए लॉबिंग भी कर रहे हैं। करनाल से अगर ब्राह्मण उम्मीदवार आया तो कांग्रेस सोनीपत से जाट चेहरा देगी। वहीं हिसार में सेवानिवृत्त आईएएस चंद्रप्रकाश का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश ‘जेपी’ तथा पूर्व वित्त मंत्री प्रो़ संपत सिंह और उनके बेटे गौरव संपत सिंह का नाम भी इस सीट से चर्चाओं में बना हुआ है।
फरीदाबाद : दो दिग्गज नेताओं में टिकट को लेकर तगड़ी लॉबिंग
सूत्रों का कहना है कि दक्षिण हरियाणा की तीनों लोकसभा सीटों को लेकर मारामारी है। फरीदाबाद से पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल तथा पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह के बेटे विजय प्रताप सिंह टिकट के लिए दावा ठोक रहे हैं। टिकट को लेकर मुख्य मुकाबला इन्हीं दो नेताओं में नजर आ रहा है। हालांकि एनआईटी विधायक नीरज शर्मा के नाम को लेकर भी पार्टी में अंदरखाने मंथन हो रहा है, लेकिन शर्मा की इच्छा लोकसभा की बजाय विधानसभा चुनाव लड़ने की है। इसी तरह से गुरुग्राम सीट को लेकर भी पार्टी बड़ी दुविधा में है। प्रभारी दीपक बाबरिया की कार्यशैली से नाराज और खुले में उन पर सवाल उठा चुके पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव ऐलान कर चुके हैं कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि उनका नाम अभी भी चर्चाओं में बना हुआ है। कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र कुमार भारद्वाज का भी यहां से मजबूत दावा किया हुआ है। उनकी गिनती हुड्डा के नजदीकियों में भी होती है। नूंह विधायक आफताब अहमद व महेंद्रगढ़ विधायक राव दान सिंह भी टिकट मांग रहे हैं। वहीं दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी यहां से सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव के नाम पर भी विचार कर सकती है। योगेंद्र यादव, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुए थे। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर भी राव दान सिंह के दावे की वजह से यहां हालात टकराव के बने हुए हैं। यहां से सांसद रह चुकी श्रुति चौधरी फिर से चुनावी रण में उतरना चाहती हैं। भूतपूर्व सीएम स्व़ चौ़ बंसीलाल की पोती श्रुति 2014 और 2019 में भाजपा के धर्मबीर सिंह के मुकाबले चुनाव हार गईं। बंसीलाल के पोते अनिरुद्ध चौधरी भी यहां से टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
हुड्डा परिवार में ही जाएगी टिकट
रोहतक संसदीय सीट से अभी तक की तैयारियों के हिसाब से यह लगभग तय माना जा रहा है कि राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ही यहां से मैदान में उतरेंगे। हालांकि पार्टी गलियारों में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम भी कई बार चर्चाओं में आ चुका है। पार्टी जानकारों का मानना है कि यह टिकट हुड्डा परिवार के खाते में ही जानी तय है। इसी तरह से सोनीपत में भी प्रत्याशी हुड्डा की पसंद से ही आएगा।
सिरसा व अम्बाला में सैलजा का नाम
बताते हैं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा का नाम दोनों आरक्षित सीटों – सिरसा व अम्बाला से चर्चाओं में है। बेशक, खुद सैलजा इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने के मूड में हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व का इशारा हुआ तो उन्हें लोकसभा के रण में भी उतरना पड़ेगा। सैलजा अगर सिरसा से लड़ती हैं तो अम्बाला में पार्टी को नया चेहरा तलाशना होगा। सैलजा के नहीं लड़ने की सूरत में अम्बाला से मुलाना विधायक वरुण चौधरी को मैदान में उतारा जा सकता है। ऐसे हालात में सिरसा से शीशपाल केहरवाल और चरणजीत सिंह रोड़ी का दावा मजबूत हो जाएगा।
पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक 10 मार्च को नई दिल्ली में कमेटी चेयरमैन भगत चरण दास की अध्यक्षता में होगी। उम्मीद की जा सकती है कि इस बैठक में प्रत्याशियों के फाइनल पैनल तैयार करके केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिए जाएंगे। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 11 को होगी। इसमें हरियाणा पर भी विचार-विमर्श हो सकता है। सप्ताह-दस दिन में कांग्रेस सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर देगी।
-दीपक बाबरिया, , हरियाणा मामलों के प्रभारी।