Haryana Congress: कांग्रेस ने हरियाणा में 12 और बागी नेताओं को छह वर्षों के लिए पार्टी से निकाला
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 27 सितंबर
Haryana Congress: कांग्रेस ने 12 और नेताओं को छह वर्षों के लिए पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद बागी हुए इन नेताओं ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोकी हुई है। इससे पहले भी तीन नेताओं को पार्टी से बाहर किया जा चुका है। अभी तक कांग्रेस ने 16 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है। इनमें से तीन नेताओं को पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने खुद छह वर्षों के लिए निष्कासित किया है।
बाकी नेताओं पर प्रदेश अध्यक्ष चौ़ उदयभान ने कार्रवाई की है। शुक्रवार को 13 नेताओं को निष्कासित करने के आदेश पार्टी अध्यक्ष ने जारी किए थे। बाद में नीलोखेड़ी के राजीव मामूराम गोंदर का निष्कासन इसलिए वापस कर लिया, क्योंकि गोंदर कांग्रेस उम्मीदवार धर्मपाल सिंह गोंदर के समर्थन में आ चुके हैं। अब वे गोंदर के लिए ही वोट मांग रहे हैं। ऐसे में उनका निष्कासन लिस्ट जारी होने के कुछ घंटों बाद ही पार्टी ने वापस ले लिया।
पूर्व मंत्री चौ़ निर्मल सिंह को कांग्रेस ने अंबाला सिटी से टिकट दिया है। उनकी बेटी चित्रा सरवारा अंबाला कैंट से टिकट मांग रही थी। टिकट नहीं मिलने पर चित्रा सरवारा निर्दलीय चुनाव मैदान में आ गईं। कांग्रेस ने अंबाला कैंट में पूर्व गृह मंत्री अनिल विज के मुकाबले परमिंद्र पाल सिंह को टिकट दिया है। चित्रा के मैदान में आने के बाद यहां कांग्रेस के समीकरण बिगड़ गए। ऐसे में केसी वेणुगोपाल ने चित्रा को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।
इसी तरह केसी वेणुगोपाल ने ही बहादुरगढ़ से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे राजेश जून को पार्टी से बाहर किया है। राजेश जून कांग्रेस टिकट के प्रबलतम दावेदार थे। लेकिन कांग्रेस में सिटिंग-गैटिंग का फार्मूला लागू होने की वजह से मौजूदा विधायक राजेंद्र सिंह जून को टिकट मिल गया। निर्दलीय चुनाव लड़ रहे राजेश जून बहादुरगढ़ सीट पर राजेंद्र जून के समीकरणों को बिगाड़ रहे हैं। तिगांव से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक ललित नागर को भी केसी वेणुगोपाल ने पार्टी से निष्कासित किया है।
टिकट नहीं मिलने से नाराज मनोज कोसलिया को प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान पार्टी से निष्कासित कर चुके हैं। कोसली से कांग्रेस ने जगदीश यादव को टिकट दिया है। वहीं कोसलिया निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष ने 12 और नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया है। पार्टी ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित गुहला से नरेश ढांडे, जींद से प्रदीप गिल व पुंडरी से सज्जन सिंह ढुल शामिल है। गुहला में कांग्रेस ने देवेंद्र हंस, जींद में भूतपूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता के बेटे महावीर गुप्ता और पुंडरी में पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सुल्तान सिंह जंडौला को टिकट दिया है।
बागियों के चुनाव लड़ने की वजह से पार्टी को नुकसान न हो, इसीलिए यह कदम उठाया है। पुंडरी में ही सुनीता बतान, नीलोखेड़ी में दयाल सिंह सिरोही, पानीपत ग्रामीण में विजय जैन, उचाना कलां में दिलबाग संडिल, चरखी दादरी में अजीत फोगाट, भिवानी में अभिजीत सिंह, बवानीखेड़ा में सतबीर रतेरा, पृथला में नीतू मान और कलायत में अनिता ढुल बड़सीकरी को पार्टी से बाहर निकाला है। पानीपत ग्रामीण में कांग्रेस ने सचिन कुंडू को टिकट दिया है। ऐसे में विजय जैन निर्दलीय मैदान में आ गए और यहां कांग्रेस के समीकरण पूरी तरह से बिगाड़ दिए हैं।