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कांग्रेस-सीपीआई ने 27 हलकों में उतारे जाट उम्मीदवार तो भाजपा ने सिर्फ 16

08:06 AM Sep 13, 2024 IST

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 12 सितंबर
हरियाणा के प्रमुख विपक्षी दल – कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में जाट, सिख और मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कांग्रेस और सीपीआई-एम गठबंधन ने नब्बे हलकों में से 37 सीटों पर इन तीनों जातियों के नेताओं को टिकट दी है। बेशक, पार्टी ने पिछड़ा वर्ग वोट बैंक को साधने के लिए 20 ओबीसी चेहरों पर भी दांव लगाया है। वहीं दूसरी ओर, भाजपा ने जाट टिकटों में कटौती करके इस बार दूसरी जातियों को साथ जोड़े रखने की कोशिश की है।
कांग्रेस के 89 प्रत्याशियों में से 26 जाट चेहरे हैं। वहीं भिवानी से सीपीआई-एम टिकट पर चुनाव लड़ रहे ओमप्रकाश भी जाट ही हैं। कामरेड विचारधारा में ओमप्रकाश शुरू से ही जात-पात के खिलाफ लड़ते रहे हैं। सबसे भी रोचक पहलू यह है कि उनकी जाति को लेकर शहर में कम ही लोगों को पता होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे सभी जातियों में ख्यात हैं और इस विचारधारा के खिलाफ भी रहे हैं। भाजपा ने 2019 के चुनावों में 22 से अधिक जाट चेहरे उतारे थे। इस बार 16 हलकों में जाट उम्मीदवार दिए हैं।
जाट कोटे की टिकटों में हुई कटौती को भाजपा की गैर-जाट की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। यह पहला मौका है जब भाजपा ने 11 ब्राह्मण नेताओं को टिकट दिया है। वहीं 12 विधानसभा क्षेत्रों में पंजाबी और पांच पर वैश्य उम्मीदवार पार्टी ने उतारे हैं। भाजपा ने राजपूत और रोड़ वोट बैंक को रिझाने के लिए इनके कोटे में भी इजाफा किया है। तीन राजपूतों के अलावा दो रोड़ नेताओं को भाजपा ने टिकट दिया है। भाजपा ने पिछड़ा वर्ग के भी 19 नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा टिकट पर आदमपुर से भव्य बिश्नोई और फतेहाबाद से दूड़ाराम बिश्नोई दो बिश्नोई चेहरे भी हैं। वहीं कांग्रेस ने भूतपूर्व सीएम चौ़ भजनलाल के बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई को ही टिकट दिया है। कांग्रेस ने इस बार पांच मुस्लिम चेहरों को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने नूंह की मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भी हिंदू कार्ड खेलते हुए नायब सरकार में राज्य मंत्री संजय सिंह को टिकट दिया है। फिरोजपुर-झिरका और पुन्हाना में भाजपा ने भी मुस्लिम चेहरों को ही टिकट दिया है।

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कांग्रेस का ब्राह्मण, पंजाबी-सिख व वैश्य कोटा 

कांग्रेस ने पांच ब्राह्मण चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा है। इनमें फरीदाबाद एनआईटी के मौजूदा विधायक नीरज शर्मा व बादली के कुलदीप वत्स भी शामिल हैं। पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा को गन्नौर, यमुनानगर से रमन प्रकाश त्यागी और बल्लभगढ़ से पराग शर्मा को टिकट दिया है। इसी तरह वैश्य कोटे के तहत दो नेताओं – फरीदाबाद से लखन सिंगला और पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता के बेटे महावीर गुप्ता को जींद से टिकट मिला है। पंजाबी कोटे के तहत रोहतक से भारत भूषण बतरा, पानीपत सिटी से वीरेंद्र पाल शाह ‘बुल्ले शाह’, सिरसा से गोकुल सेतिया, हांसी से राहुल मक्कड़, गुरुग्राम से मोहित ग्रोवर व थानेसर से अशोक अरोड़ा को टिकट मिला है। इसी तरह सिख चेहरों के रूप में असंध से शमशेर सिंह गोगी, टोहाना से सरदार परमवीर सिंह, पिहोवा से मनजीत सिंह चट्ठा, अंबाला कैंट से परमिंदर पाल सिंह तथा करनाल से सुमिता सिंह विर्क शामिल हैं।

भाजपा से 10 महिलाओं को टिकट

चुनावों में कांग्रेस ने 12 निर्वाचन क्षेत्रों में महिला उम्मीदवार उतारी हैं। वहीं भाजपा ने कुल 10 हलकों में महिलाओं को टिकट दिया है। कांग्रेस ने इसे अपने उपलब्धि बताते हुए भाजपा पर कटाक्ष भी किया है। कांग्रेस का कहना है कि महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का दम भरने वाली भाजपा ने विधानसभा चुनावों में भी कम महिलाओं को टिकट दिया है। कांग्रेस के 89 उम्मीदवारों में 30 युवा चेहरे हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी ने टिकट आवंटन में जातिगत समीकरणों को साधा है। कई पुराने नेताओं को दरकिनार करके देवेंद्र हंस, जस्सी पेटवाड़, राहुल मक्कड़, सर्वमित्र कंबोज, वर्धन यादव, अनिल मान, प्रदीप नरवाल, जय भगवान अंतिल, मनीषा सांगवान जैसे नये चेहरों को भी मौका दिया है। इन युवा नेताओं को फिल्ड की सक्रियता और सर्वे में वरियता के आधार पर हुड्डा खेमे से टिकट मिली है।

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कांग्रेस ने सीपीआई-एम को साधा, पश्चिमी बंगाल पर नजर

हरियाणा में कांग्रेस ने सीपीआई (एम) के साथ गठबंधन कर लिया है। आम आदमी पार्टी (आप) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच गठबंधन पर सहमति नहीं बन पाई। लेकिन कांग्रेस ने सीपीआई-एम को भिवानी की सीट दे दी है। प्रदेश के नब्बे हलकों में से 89 पर कांग्रेस और भिवानी में सीपीआई-एम के कामरेड ओमप्रकाश चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले को पश्चिमी बंगाल से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने हरियाणा में सीपीआई-एम को एक सीट देकर पश्चिमी बंगाल में कामरेड विचारधारा से जुड़े दलों के साथ रिश्तों को मधुर बनाने की नींव रख दी है। लोकसभा चुनावों से ही ‘इंडिया’ गठबंधन के पक्षधर रहे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी हरियाणा में भी इंडिया गठबंधन को साथ लेकर चलने के पक्ष में थे। उनके कहने पर ही कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं ने आप और सपा के साथ बातचीत भी शुरू की थी। आप नेताओं के साथ एक सप्ताह तक बातचीत चली लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर आखिर तक पेच फंसा रहा। हालांकि कांग्रेस की ओर से आप को छह सीटों की ऑफर की जा चुकी थी लेकिन फिर एकाएक दोनों दलों ने अपनी अलग-अलग राह पकड़ ली। वहीं सपा के साथ भी गठबंधन चाहकर भी सिरे नहीं चढ़ पाया। बहरहाल, सीपीआई-एम को साथ लेकर कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन की मजबूती के संकेत देने की कोशिश की है। कांग्रेस द्वारा छोड़ी गई भिवानी सीट पर भाकपा (मार्क्सवादी) ने 65 वर्षीय ओमप्रकाश को उम्मीदवार घोषित किया है। वे नामांकन-पत्र दाखिल कर चुके हैं। 2014 में यूको बैंक के चीफ मैनेजर पद से वीआरएस लेकर ओमप्रकाश ने अपने आपको किसान-मजदूर और सामाजिक आंदोलनों में समर्पित कर दिया।

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