For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

विवाह व वैराग्य की शर्त

06:37 AM Dec 14, 2023 IST
विवाह व वैराग्य की शर्त
Advertisement

एक शिष्य ने कबीर से पूछा विवाह उत्तम या वैराग्य? कबीर बोले, ‘दोनों अच्छे हैं मगर अपनाने वाले में उच्चकोटि का समर्पण हो।’ ‘समझा नहीं?’ शिष्य ने कहा तो अगले दिन दोपहर को कबीर ने उसे साथ में लिया। कबीर अपने घर आये और पत्नी से अनुरोध किया कि एक दीपक जला कर मेरे समीप रख दो। पत्नी दीपक जलाकर ले आई। देखो। कबीर ने कहा और वहीं से एक आवाज लगाई, ‘बाबा, बाबा सुनो।’ पास की कुटिया से एक बाबा बाहर आये बोले, ‘कहो कबीर।’ ‘आपकी आयु कितनी है। बाबा बोले, ‘पिचासी बरस।’ और फिर बाबा भीतर चले गये। तो कुछ पल बाद कबीर ने फिर आवाज लगाई, ‘बाबा बाबा।’ वह फिर बाहर आये। कबीर ने पूछा, ‘आप इस कुटी में कितने बरस से?’ बाबा ने कहा, ‘पचास बरस से।’ और ऐसा कहकर बाबा फिर चुपचाप भीतर चले गये। दोनों का उदाहरण देकर कबीर ने कहा। देखो, गृहस्थ बनना हो तो जीवनसाथी पर पूरा भरोसा ही समर्पण है। वैरागी बनना हो तो कटु भाव, क्रोध, दोहरा आचरण बिलकुल न हो जैसे यह बाबा हैं एकदम सरल और संतोषी। यही इस जीवन का सार है।

Advertisement

प्रस्तुति : पूनम पांडे

Advertisement
Advertisement
Advertisement