2738 महिलाओं में मिली एनीमिया की शिकायत
नारनौल, 24 अक्तूबर (हप्र)
स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न वर्ग की महिलाओं में एनीमिया की जांच करने के लिए सैंपल लिए गए जिसमें 2738 महिलाओं में सघन खून की कमी यानी एनीमिया पाया गया है। हालांकि विभाग की ओर से समय समय पर पूरे जिले में स्थित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर शिविर भी लगाए जाते हैं। महिलाओं के खून की जांच के साथ साथ उन्हें परामर्श दवा भी दी जाती है, ताकि इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके।
नेशनल हेल्थ सर्वे के अनुसार 6 से 59 माह के 16164 बच्चों में से 243 बच्चे, 20 से 49 वर्ष की 29241 सामान्य महिलाओं में से गर्भवती महिलाओं में से 87 और स्तनपान कराने वाली 3231 महिलाओं में से 172 महिलाओं में सघन खून की कमी वाला एनीमिया पाया गया है। यदि शरीर में 10 से 12 ग्राम के बीच रक्त कम है तो इसे कम एनीमिया की श्रेणी में रखा जाएगा। 7 से 10 ग्राम के बीच रक्त कम है तो मध्य एनीमिया और 7 ग्राम से भी रक्त कम है तो उसे गंभीर एनीमिया की श्रेणी में गिना जाता है।
इस प्रकार के होते है लक्षण:
जल्द थकावट व सुस्ती, सांस फूलना, पढ़ाई में कम रूचि लेना, तेज धडक़न, आंखों के नीचे व चमड़ी पर पीलापन, चिड़चिड़ापन, पिंडलियों व पैरों में दर्द व सूजन, गैर चमकदार बाल, चमड़ी पर धब्बे व सांस तेज चलना एनीमिया के प्रमुख लक्षण है। ऐसे में मरीज को अस्पताल जाकर परामर्श लेकर अपना उपचार करवाना चाहिए।
इस प्रकार कर सकते है बचाव:
नित्य साबुत अनाज का सेवन, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन, मुनक्का, तिल, गुड़, अंजीर, चना, शक्कर व शहद का सेवन, लोहे की कढ़ाई में बनी सब्जी, चाय का सेवन एकदम बंद व भोजन में कुछ बूंदे नींबू के रस की डालने से भोजन में मौजूद लौह तत्व पच जाता है। ऐसा करने से भी एनीमिया से छुटकारा पाया जा सकता है। जिले में लगने वाले एनीमिया निस्तारण पखवाड़ा व साप्ताहिक शिविरों में आने वाले मरीज, जो एनीमिया से ग्रसित पाए जाते हैं। उनमें 6 से 59 माह के बच्चों को आइएएफ सिरप दी जाती है। 20 से 49 वर्ष की महिलाओं, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आइएएफ लाल गोली दी जाती है। इन शिविर में छोटे बच्चे, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
क्या कहना है अधिकारी का: इस बारे में नागरिक अस्पताल नारनौल के जिला निरीक्षण एवं मूल्यांकन अधिकारी दिलबाग सिंह श्योराण ने बताया कि जिले में समय समय पर एनीमिया की जांच के लिए शिविर लगाए जाते हैं। जहां रक्त के नमूने लेकर उनकी जांच की जाती है। अस्पताल में व शिविर में भी एनीमिया पीडित को निशुल्क दवा दी जा रही है।