जेल में होने वाली हर मौत का संज्ञान लेता है आयोग: जस्टिस मित्तल
रोहतक, 3 सितंबर (निस)
हरियाणा मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एसके मित्तल ने कहा कि जेलों में होने वाली प्रत्येक मौत का मामला आयोग के संज्ञान में लाया जाता है। जस्टिस मित्तल आज जिला कारागार का निरीक्षण करने से पूर्व सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अगर किसी कैदी की मौत का कारण जेल व्यवस्था पाया जाता है तो मृतक के परिजनों को 7.5 लाख का मुआवजा देने का प्रावधान है। अगर बंदी ने जेल में आत्महत्या की है तो 5 लाख का मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि एक साल में जेलों में आत्महत्या करने के 10 से 15 मामले सामने आते हैं। मौत के कारण क्या रहे हैं, इसकी जांच जुडिशियल मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि एक वर्ष में आयोग के पास अढ़ाई से 3 हजार के करीब मामले आते हैं और 2020 से पहले की कोई शिकायत आयोग के पास लंबित नहीं है।