समालखा के किसान का सराहनीय प्रयास : किसानों को नहीं जलानी पड़ेगी अब फांस
विनोद लाहोट/निस
समालखा, 2 नवंबर
किसानों को अब धान के अवशेष (फांस) नहीं जलाने पड़ेंगे, क्योंकि समालखा के एक जागरूक किसान ने लाखों रुपये खर्च कर एक ऐसा बेहतरीन प्रोजेक्ट तैयार किया है जो किसान को फांस जलाने पर दर्ज होने वाले मुकदमों से निजात दिलाने का काम करेगा, बल्कि किसानों की आमदनी को बढ़ाने का काम भी करेगा। दरअसल हरियाणा में धान के अवशेष जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदेश की नायब सैनी सरकार ज़हां फांस जलाने वाले किसानों पर एफआईआर दर्ज करा रही है, वहीं फांस जलाने वाले किसानों की फसल को खरीदने पर पाबंदी भी लगा रही है।
दूसरी ओर फांस न जलाने पर किसानों को प्रति एकड़ 1 हजार रुपये के हिसाब से बोनस दिया जा रहा है। ऐसे में किसान इस तकनीक को अपनाकर अच्छा-खासा मुनाफा भी कमा सकते हैं। चुलकाना रोड स्थित मान फार्म हाउस के मालिक ब्रह्म प्रकाश मान ने धान के फांस को एकत्रित कर बेचने का बिजनेस माडल तैयार किया है। लाखों रुपये खर्च करके आधुनिक मशीनें खरीदी हैं, जो खेत में धान के अवशेषों को एकत्रित कर 30-30 किलो की गांठें बनाकर एक खेत में स्टोर करती है, जिसे जरूरतमंद कंपनियों को अच्छे मुनाफे पर बेचा जाएगा।
करीब 300 एकड़ के जमींदार ब्रह्म प्रकाश मान ने बताया कि आधुनिक मशीनों से तैयार गांठों को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर गवालड़ा गांव के खेतों में इकट्ठा किया गया है।
उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट उनके सहयोगी चुलकाना निवासी किसान मोनू की देखरेख में चलाया जा रहा है, जिसमें आसपास के दर्जनों मजदूरों को भी रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस सीज़न में 2 हजार एकड़ से फांस एकत्रित करने का लक्ष्य रखा है, अब तक करीब 600 एकड़ से धान के अवशेष एकत्रित हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि फांस खरीदने के लिए कई बड़ी कंपनियों के आफर आ चुके हैं। यह उनका पहला प्रयास है, अगर प्रयोग सफल रहा तो अगले साल बड़े स्तर पर किया जाएगा।
किसान ब्रह्म प्रकाश मान ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि अगर किसानों की आमदनी दोगुनी करने की पीएम मोदी के सपने को साकार करना चाहती है तो इस प्रोजेक्ट को प्रोत्साहित करे, जिससे न सिर्फ प्रदेश प्रदूषण मुक्त होगा बल्कि फांस न जलाने पर जमीन की उर्वरा शक्ति भी बनी रहेगी।