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सिविल अस्पताल बीमार, स्वास्थ्य सुविधाएं लाचार

07:09 AM Jul 23, 2024 IST
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मोहन सिंह/निस
हथीन, 22 जुलाई
उपमंडल के सिविल अस्पताल में समस्यों का अंबार लगा हुआ है। जानकारी के अनुसार अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन पिछले सवा 4 साल से बंद हैं। लोगों ने बताया कि मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की भी कमी है। इसके अलावा स्टाफ के लिए आवासीय सुविधा नहीं है। आप्रेशन थियेटर बंद है और सिजेरियन डिलिवरी भी बंद है। अस्पताल में एसएमओ नहीं है और दवाईयों का अभाव है। जानकारी के अनुसार उपमंडल स्तर पर 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिसमें से मंडकौला बंद पड़ा है। लोगों का कहना है कि 6 केंद्रों में एक-एक डाक्टर है और वे भी सप्ताह में कभी-कभार आते हैं। मजबूरन करीब 5 लाख की आबादी प्राइवेट अस्पतालों के सहारे है। सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर मेडिकल विशेषज्ञों तक की कमी है।
लोगों ने बताया कि साल 2020 के मार्च माह में अल्ट्रासाउंड मशीन लगाई गई थी। अल्ट्रासोनोलोजिस्ट नहीं होने के कारण मशीन लगाए जाने के 3 साल तक बंद पड़ी रही। साल 2023 के अंतिम महीने में महिला सोनोलोजिस्ट को लगाया गया था। डिलिवरी के कारण सोनोलोजिस्ट महिला डाक्टर 6 महीने की छुट्टी पर चली गई। तीन महीने चलाए जाने के बाद पिछले तीन महीने से अल्ट्रासाउंड मशीन बंद पड़ी है। मजबूरी में गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर जाना पड़ता है। सिजेरियन डिलिवरी के लिए भी पलवल या नूंह मेडिकल कालेज जाना पड़ता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में शुरू किए गए डिलिवरी हट पूरी तरह बंद हो चुके हैं।
सिविल अस्पताल में कम से कम 8 डाक्टरों के मुकाबले केवल 4 हैं। अस्पताल में एक्स-रे की बेहतर सुविधा भी नहीं है। लोगों का कहना है कि हथीन क्षेत्र में छोटे बच्चे सर्वाधिक बीमार होते हैं मगर अस्पताल में बाल रोग विषेशज्ञ न होने के कारण उन्हें पलवल जाना पड़ता है। एमआरआई और सिटी स्कैन जैसी सुविधाओं की तो चर्चा भी नहीं की जाती है। अस्पताल में दो स्टाफ नर्स, नर्सिंग सिस्टर, लैब टेक्निशियन, रेडियोग्राफर, क्लर्क, अकाउंटेंट, ड्राइवर और स्टैनो तक की कमी है। मंडकौला, उटावड़, कोट, नांगलजाट, छायसां, कलसाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी स्टाफ और दवाईयां नहीं हैं।

क्या कहते हैं कार्यवाहक सीएमओ

कार्यवाहक सीएमओ अजय मॉम का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए काम किया जा रहा है। मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी है। दवाईयों की भी कमी से इनकार नहीं किया जा सकता है। अस्पताल में सुविधाओं के साथ-साथ विषेशज्ञों की कमी पूरा करने के लिए विभाग के उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया गया है। बरसात के मौसम में बीमारियां फैलने की आशंका को देखते हुए डाक्टरों की तैनाती की जा रही है।

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