मांगें मनवाने को सीटू का जनजागरण अभियान
अम्बाला शहर, 8 अप्रैल (हप्र)
सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) लोकसभा चुनावों में देश के संविधान व लोकतंत्र की रक्षा करने, मजदूर विरोधी चारों लेबर कोड्स को रद्द करने, परियोजना वर्कर्स समेत सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने व न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए करने की मांग को लेकर जनजागरण अभियान चलाएगी। इसको लेकर बाबूराम प्रधान की अध्यक्षता में बस स्टैंड पर जिला बैठक में रणनीति भी बनाई गई। सीटू सचिव सतीश सेठी ने कहा कि पिछले दस सालों में केंद्र की मोदी सरकार ने जनता के भाईचारे को तोड़कर कारपोरेट्स के हकों की नीतियों को जोरशोर से लागू किया है। आजादी के बाद संघर्षों से हासिल श्रम कानूनों को बदल दिया गया है। काम के घंटे बढ़ा दिए गए हैं। नियमित रोजगार देने की बजाए टर्म अप्वाएंटी व ठेका प्रथा पर कम वेतन पर काम लिया जा रहा है। न्यूनतम वेतन के मापदंडों को बदल दिया गया है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन व ईएसआई तथा पीएफ के नियमों को मालिकों के हक में बदलकर मजदूरों को गुलाम बना दिया गया है। आशा व मिड डे मील वर्कर्स, ग्रामीण सफाई कर्मी व चौकीदारों से किए गए समझौते लागू नहीं किए गए। अनाज मंडियों को बंद करने की योजना पर सरकार ने फिर से कार्रवाई शुरू कर दी है। पारदर्शिता के नाम पर ऑनलाइन व पोर्टल के खेल में जनता से सुविधाएं छीनी जा रही हैं।
उनके अनुसार बैठक में फैसला लिया गया कि इन तमाम मांगों को लेकर इस अप्रैल महीने के अंत तक सीटू से सम्बद्ध सभी संगठनों की जिला से लेकर ब्लाक तक बैठकें कर हर कार्यकर्ता तक पहुंचा जाएगा। दूसरे चरण में एक मई को मजदूर दिवस पर किसान, मजदूर व कर्मचारी मिलकर संविधान व लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लेंगे। इसके पश्चात मतदान तक लगातार जनता के बीच मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के परचे बांटकर व नुक्कड़ सभाएं करके पोल खोली जाएगी। बैठक में बाबू राम, सतीश सेठी, रमेश नन्हेड़ा, बरखा राम, सर्वजीत कौर, ललिता, सोनिया, निर्मल सिंह, शीतल राम, राम दास, भूपिंदर सिंह, राजेन्द्र कुमार व रोडवेज कर्मचारी नेता इंद्र सिंह बधाना ने भाग लिया।