बाल विवाह दंडनीय अपराध : सीजेएम
जींद (हप्र)
हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन और जींद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवीर सिंह राठौर के निर्देश पर जींद की सीजेएम मोनिका की अध्यक्षता में जींद के एडीआर सभागार में बाल-विवाह के खिलाफ वर्कशाप का आयोजन किया गया। वर्कशाप में पैनल अधिवक्ता अधिकार मित्र एवं आंगनबाड़ी वर्करों ने भाग लिया। प्राधिकरण सचिव ने वर्कशॉप में कहा कि बाल-विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बाल विवाह एक ऐसा विवाह है, जिसमें लड़का या लड़की में से कोई अवस्यक हो। बाल-विवाह एक दण्डनीय अपराध है, जिसके अंतर्गत 2 वर्ष तक कठोर कारावास की सजा या एक लाख रुपये या दोनों के एकसाथ सजा का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह का आयोजन करने वाले, उसमें शामिल होने वाले भी दंडनीय हैं। इसलिए सभी का दायित्व बनता है कि जहां भी बाल-विवाह हो रहा हो, उसकी शिकायत पुलिस थाना, प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी या मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सम्मुख दर्ज करवाएं। इस अवसर पर देवराज मलिक ने भी बाल-विवाह अधिनियम पर विस्तार से जानकारी दी।