छछरौली को तीन दशक बाद मिला कांग्रेस का विधायक
अरविंद शर्मा/हप्र
जगाधरी, 13 अक्तूबर
छछरौली की जनता ने करीब तीन दशक बाद कांग्रेस पार्टी का विधायक चुना है। वर्ष 2009 से पहले छछरौली अलग विधानसभा क्षेत्र होता था। परिसीमन के बाद 2009 में छछरौली जगाधरी विधानसभा क्षेत्र में आ गई। जगाधरी विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2005 से 2009 तक पूर्व मंत्री सुभाष चौधरी कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे थे।
जानकारी के अनुसार छछरौली विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक चौ. अकरम खान के पिता स्व. चौ. असलम खान 1987 व 1991 में लगातार कांग्रेस के विधायक बने थे। 1996 में उनका टिकट कट गया था। उस समय समर्थकों की जिद पर उनके बेटे चौ. अकरम खान ने आजाद चुनाव लड़ा था। बताया जाता है कि इस चुनाव में चौ. असलम खान ने खुद को कांग्रेस का सिपाही बताते हुए अकरम खान के लिए चुनाव प्रचार नहीं किया था। चुनाव के दौरान वह अकसर कांग्रेस प्रत्याशी वृषभान के चुनावी कार्यालय में समय बिताते थे। इसके बाद भी अकरम खान विधायक चुने गए थे। उन्होंने हरियाणा विकास पार्टी को समर्थन दिया। इसमें वह हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन रहे। 1999 में हविपा की सरकार गिर गई। इनेलो की सरकार बनी अकरम खान प्रदेश सरकार में कुछ समय के लिए गृह राज्य मंत्री रहे। वर्ष 2000 में यहां से भाजपा उम्मीदवार चौ. कंवरपाल गुर्जर विधायक चुने गए थे। वहीं वर्ष 2005 में यहां से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चौ. अर्जुन सिंह चुनाव जीते। इस दौरान छछरौली विधानसभा सीट खत्म हो गई।
जगाधरी विधान सभा में छछरौली क्षेत्र मर्ज हो गया। वर्ष 2009 में बसपा ने अर्जुन सिंह को नारायणगढ़ से टिकट दिया। जगाधरी से बसपा ने चौ. अकरम खान को अपना उम्मीदवार बनाया। अकरम खान चुनाव जीत गए। बसपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया। चौ. अकरम खान विधानसभा में डिप्टी स्पीकर बने। 2014 में चौ. कंवरपाल गुर्जर भाजपा के टिकट पर बड़े मार्जन से विधायक बने। वह विधानसभा अध्यक्ष रहे। 2019 में हुए चुनावों में भी भाजपा की टिकट पर चौ. कंवरपाल गुर्जर विधायक बने। इस दौरान वह हैवीवेट मंत्री रहे। अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में चौ. अकरम खान कांग्रेस की टिकट पर विधायक चुने गए।