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चरणजीत सिंह रोड़ी हो सकते हैं सिरसा से कांग्रेस प्रत्याशी

10:23 AM Mar 30, 2024 IST
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बड़ागुढ़ा, 29 मार्च (निस)
लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारे हैं। ऐसे में लोगों में कांग्रेस के प्रत्याशी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोगों का मानना है कि कुमारी सैलजा यहां से चुनाव लड़ेंगी। पर अगर कुमारी सैलजा मैदान में नहीं उतरतीं तो चरणजीत सिंह रोड़ी का नाम इस सूची में आने की संभावना है। वे दो बार सिरसा लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और एक बार जीते भी हैं। ऐसे में इस सीट के सभी 9 विधानसभा हलकों में उनके समर्थक हैं। उन्होंने सिरसा लोकसभा हलके के पूरे क्षेत्र की जमीन अच्छी तरह से नापी हुई है। उनका किसी प्रकार का विरोध भी हलके में नहीं है। पगड़ीधारी होने का अलग से लाभ चरणजीत सिंह रोड़ी को मिल सकता है क्योंकि पूरे क्षेत्र में सिख वोटरों की संख्या अच्छी खासी है।
रोड़ी कभी विधानसभा हलका होता था। यह हलका कुमारी सैलजा के पिता चौ. दलवीर सिंह की खास कर्मभूमि रही है। पंजाब सीमा से सटे इस गांव में जन्मे चरणजीत सिंह का राजनीतिक सफर गांव की सरपंची से शुरू हुआ। वे वर्ष 2000 में गांव के सरपंच बने। उसके बाद वर्ष 2005 में जिला परिषद के सदस्य बने। ये दोनों ही पद एससी के लिए आरक्षित थे। उसके बाद वर्ष 2009 में कालांवाली हलका एससी आरक्षित हो गया। यह इस हलके के पहले चुनाव थे। क्योंकि अब यह हलका आरक्षित हो चुका था तो वर्ष 2009 में इनेलो व अकाली दल ने चरणजीत सिंह रोड़ी को मैदान में उतारा और वे विधायक बने। उसके बाद सिरसा आरक्षित लोकसभा से 2014 में वे इनेलो की टिकट पर सांसद बने। इस प्रकार उनका राजनीतिक जीवन सरपंची से सांसद तक रहा। 2019 में उन्होंने सिरसा से इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ा, पर वे हार गए। करीब 25 वर्ष तक का उनका राजनीतिक जीवन काफी संघर्षों भरा रहा। वे चाहे सरपंच रहे, फिर विधायक या सांसद, लोगों से जुड़े रहे। यही कारण रहा कि कांग्रेस ने उन्हें पार्टी में शामिल किया।

सुखद परिणाम देने का होगा प्रयास : रोड़ी

चरणजीत सिंह रोड़ी ने कहा कि अगर पार्टी उन्हें मैदान में उतारती है तो वे जीजान लगा कर चुनावी रण में उतरेंगे और परिणाम सुखद देने के प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर मैदान में बहन कुमारी सैलजा आती है तो और भी खुशी की बात होगी और एक कार्यकर्ता के रूप में उनका साथ देंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल समर्थकों के फोन आ रहे हैं उनको मैं यही कह रहा हूं कि पार्टी जिसको भी मौका देती है उसका तन-मन-धन से साथ देना है।

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