चमार संघर्ष समिति ने राज्यपाल के नाम सौंपा मांगपत्र
भिवानी, 24 अक्तूबर (हप्र)
हरियाणा प्रदेश चमार संघर्ष समिति ने आरक्षण के वर्गीकरण में चमार समाज को उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग को लेकर राज्यपाल के नाम मांगपत्र सौंपा। इस मौके पर हरियाणा प्रदेश चमार संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष मांगेराम तोंदवाल ने कहा कि जो जातियां वर्गीकरण का राग अलाप रही हैं, उन जातियों की जनसंख्या के अनुसार सरकारी नौकरियों में भागीदारी के अनुसार वर्गीकरण करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 के अाधिकारिक आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में धानक समाज की संख्या पांच लाख 81 हजार 275 है और नौकरियों में हिस्सेदारी लगभग एक प्रतिशत है। वाल्मीकि समाज की संख्या 9 लाख 38 हजार एक है तथा नौकरियों में हिस्सेदारी 1.19 प्रतिशत है। खटीक समाज की संख्या 57 हजार 825 है तथा नौकरियों में हिस्सेदारी 1.28 प्रतिशत है।
ओड समाज की संख्या एक लाख 66 हजार 161 है तथा नौकरियों में हिस्सेदारी 0.60 प्रतिशत, सांसी की 57 हजार 125 की जनसंख्या तथा नौकरियों में हिस्सेदारी 0.79 प्रतिशत है जबकि चमार समाज की संख्या 24 लाख 29 हजार 124 है तथा नौकरियों में उनकी हिस्सेदारी 1.17 प्रतिशत है, जो संख्या के आधार पर कम है।
मांगेराम तोंदवाल ने कहा कि ऐसे में वे सरकार से मांग करते हैं कि संख्या के आधार पर अनुसूचित जाति के आरक्षण में वर्गीकरण करे। प्रवक्ता राजेश चौधरी ने कहा कि डीएससी समाज के आधार पर वर्गीकरण में 7.5 प्रतिशत हिस्सा बनता है, जबकि चमार समाज संख्या के आधार पर 12.5 प्रतिशत का हकदार है।