बागवानी घोटाले की होगी सीबीआई जांच
चंडीगढ़, 17 जनवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा के बागवानी विभाग में हुए करोड़ों रुपये के कथित घोटाले में कई अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। किसानों की सब्सिडी योजना में धांधली का यह मामला केंद्र सरकार तक पहुंचा हुआ है। हरियाणा सरकार की ओर से सब्सिडी घोटाले की जांच करवाई जा चुकी है, लेकिन केंद्र जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है। ऐसे में केंद्र की ओर से यह मामला सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है।
इस संदर्भ में भारत हरियाणा ने राज्य सरकार को पत्र भी लिखा है। सूत्रों का कहना है कि मनोहर सरकार मामला सीबीआई को सौंपने को राजी है। हालांकि, अब तक केंद्र की चिट्ठी का जवाब नहीं भेजा है। राज्य सरकार की ओर से जल्द ही केंद्र सराकर को सीबीआई जांच का सहमति पत्र भेजा जा सकता है। माना जा रहा है कि सीबीआई जांच अगर होती है तो इस मामले में कई अधिकारियों व कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
मामला सामने आने के बाद हरियाणा सरकार पहले ही दस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। मामला किसानों को फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन की ग्रांट बांटने में करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े से जुड़ा है। फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन की ग्रांट बांटने में गड़बड़ी से जुड़ी जो शिकायत केंद्र सरकार के पास पहुंची, उसमें कहा गया है कि हरियाणा के बागवानी विभाग के अफसरों ने एफपीओ के नाम पर मंजूर होने वाली ग्रांट किसानों के बैंक खातों में जमा ही नहीं करवाई।
शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री के स्तर से करवाई गई जांच में भ्रष्टाचार का खुलासा हो चुका है। बागवानी विभाग किसानों को पानी बचाने के लिए ड्रिप इरीगेशन तकनीक से सिंचाई करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसमें सरकार किसानों को ड्रिप इरीगेशन पर 85 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है। केंद्र को भेजी गई शिकायत में बताया कि योजना का लाभ लाभार्थियों को पहुंचाने में नियमों की अनदेखी की गई।