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सीबीआई ने हाईकोर्ट में पेश की रिपोर्ट

07:41 AM Oct 26, 2024 IST

शाहाबाद मारकंडा, 25 अक्तूबर (निस)
साल 2017 में याचिकर्ता राकेश बैंस और सुखविंद्र सिंह ने अपने वकील प्रदीप रापड़िया के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिक दायर करते हुए कहा था कि पूरे हरियाणा में मृत व्यक्तियों को पेंशन बांटी हुई दिखाकर बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है। मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई थी। सीबीआई ने जांच में पाया कि पेंशन घोटाले में मुख्यत: म्युनिसिपल कमेटी के प्रधान, पार्षद, सचिव और जिला समाज कल्याण अधिकारी शामिल हैं। सीबीआई जांच में खुलासा हुआ कि मृत लाभार्थियों के परिवारों से पेंशन की रिकवरी दिखाई गई, लेकिन जब सीबीआई ने इन परिवारों से संपर्क किया तो उन्होंने बयान दिया कि न तो उन्होंने कोई पैसा जमा करवाया और न ही उनको कभी पेंशन मिली।
जांच के दौरान 17094 पेंशन लाभार्थी गायब हैं और 50312 की मृत्यु हो चुकी है। पेंशन घोटाले में हरियाणा पुलिस की जांच बेपरवाह और अपर्याप्त है। सिर्फ एक सेवादार और क्लर्क को फंसाकर पार्षदों और अधिकारियों को बचाया गया है। सीबीआई ने सिफारिश की कि हर जिले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और जिन अधिकारियों की मिलीभगत से घोटाला हुआ उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलना चाहिए। मृत व्यक्तियों की पहचान करके उनके नाम पर पेंशन को डकारने वाले पार्षदों और सरपंचों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।

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