इंटर्नशिप के अनुभव से कैरियर की प्लानिंग
लोकमित्र गौतम
अगले पांच सालों में देश की टॉप-500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को एक साल की इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। ये लक्ष्य हालिया बजट के प्रावधानों के मुताबिक हैं। देश का कोई भी युवा इसके लिए योग्य होगा। इंटर्नशिप के लिए चुने गये इन युवाओं को सरकार की तरफ से मासिक मानदेय और एकमुश्त राशि भी मिलेगी। वहीं प्रशिक्षण लागत का 10 फीसदी इंटर्नशिप कराने वाली कंपनियां देंगी। इंटर्नशिप करके किसी स्टूडेंट को नौकरी की गारंटी तो नहीं मिलती, लेकिन आमतौर पर इंटर्नशिप के बाद नौकरी पाने के चांस ज्यादा होते हैं।
जॉब दिलाने में मदद
इन दिनों कैरियर की शुरुआत में अधिकतर छात्र किसी कंपनी में 1 महीने, 3 माह, 6 महीने, 1 साल या 18 माह तक काम करके वर्क एक्सपीरियंस हासिल करते हैं। यह अनुभव उन्हें अच्छी जॉब दिलाने में मददगार होता है। हाईस्कूल के विद्यार्थी से लेकर अंडर ग्रेजुएट, ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट, कोई भी इंटर्नशिप कर सकता है। इंटर्नशिप की ट्रेनिंग के जरिये अच्छी जॉब का रास्ता खुल जाता है। अच्छा परफॉर्म करने वाले स्टूडेंट के उस ऑर्गनाइजेशन में जॉब लगने के चांस बन जाते हैं।
सीवी पर पॉजीटिव असर
किसी छात्र के सीवी में इंटर्नशिप का होना बड़ा पॉजीटिव यानी वजनदार होता है। इंटर्न को वीक में कितने दिन और कितने घंटे काम करना होगा, यह उस ऑर्गनाइजेशन की पॉलिसी पर निर्भर करता है, जहां वह इंटर्नशिप कर रहा होता है। इंटर्नशिप करने से हमारे कैरियर में हमें कई लाभ मिल सकते हैं जैसे वर्क एक्सपीरियंस मिलता है, जो किसी भी उम्मीदवार के लिए बड़ी बात होती है। क्लासरूम से निकलकर किसी कार्यस्थल में काम का वास्तविक अनुभव हासिल करना बहुत ही मूल्यवान होता है। जो बातें क्लास में सीखते हैं, किताबों में पढ़ते हैं, उसे वे रियल लाइफ में एप्लायी करते हैं।
व्यवहार कुशलता की पाठशाला
इंटर्नशिप के कुछ लाभ हमें हर हाल में मिलते हैं जैसे काम के रियलटाइम एक्सपीरियंस के अलावा इंटर्नशिप से हम यह जानते हैं कि लोगों से बातचीत कैसे की जाती है? एक वर्कप्लेस का हकीकत में वातावरण कैसा होता है? किस तरह बिहेव किया जाता है? ये सब बातें इंटर्नशिप से ही पता चलती हैं। इंटर्नशिप हमें टीम वर्क, सेल्फ स्किल से भी वाकिफ कराती है। इंटर्नशिप से मिले एक्सपीरियंस के चलते स्टूडेंट अपनी पसंदीदा जॉब को करने के लिए व्यावहारिक तौरपर तैयार हो जाता है।
प्रोफेशनल नेटवर्क
इंटर्नशिप के जरिये किसी भी छात्र को भविष्य में अपने बेहतर कैरियर के लिए प्रोफेशनल नेटवर्क बनाना आसान हो जाता है। किसी भी फील्ड में काम करने के लिए अगर आपके पास अच्छा नेटवर्क है, तो वह बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि कोई इंटर्न, इंटर्नशिप के दौरान एक्सपीरियंस प्रोफेशनल्स के साथ काम करता है जिनके जरिये वह जॉब भी हासिल कर सकता है।
कॉन्फिडेंस
इंटर्नशिप करने से छात्र का कॉन्फिडेंस बढ़ता है और वह जॉब के पहले ही उसे लेकर आश्वस्त हो जाता है। क्योंकि इंटर्नशिप के दौरान वह न केवल ऑफिस के माहौल को बल्कि काम को नजदीक से देखकर उसकी खूबियां और खामियां समझ लेता है तथा जॉब के लिए खुद को तैयार भी कर पाता है।
कैरियर के चुनाव में सहायक
छात्र इंटर्नशिप के चलते अपना कैरियर पाथ बहुत आसानी से एक्सप्लोर कर लेता है। कॉलेज में पढ़ते समय हर छात्र को क्लियर नहीं होता है कि वह किस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहता है। फिर चाहे वह भले ही अपनी पसंद के विषय क्यों न पढ़ रहा हो। कौन सा कैरियर उन्हें चूज करना है, इसको लेकर वे स्पष्ट नहीं हो पाते। कई बार ऐसा भी होता है कि अपनी ड्रीम जॉब प्रोफाइल को लेकर किसी स्टूडेंट में जो एक्सपेक्टेशन होती है, इंटर्नशिप करते हुए जब वह उसकी वास्तविक दुनिया से गुजरता है, तो उसकी उम्मीदें उस जॉब से मैच नहीं करतीं। ऐसे में बिना समय खोए ड्रीम जॉब बदल सकता है।
इंटर्नशिप के प्रकार
इंटर्नशिप कई तरह की होती हैं मसलन- पेड इंटर्नशिप जिसके लिए इंटर्न को काम के बदले कुछ पैसे भी मिलते हैं। ऐसी इंटर्नशिप ज्यादातर बड़ी निजी ऑर्गनाइजेशन देती हैं। लेकिन कई अनपेड इंटर्नशिप भी होती हैं और आजकल तो इन्हीं की संख्या ज्यादा है। अनपेड इंटर्नशिप में वर्क एक्सपीरियंस तो मिलता है, लेकिन इससे कोई पैसा नहीं मिलता। आमतौर पर नॉन प्रोफिट ऑर्गनाइजेशन में अनपेड इंटर्नशिप ही मिलती है। कई जगह इंटर्न करने के लिए पैसे भी देने पड़ते हैं। हर छात्र को अपनी पसंद और भविष्य में काम आने वाली इंटर्नशिप चुननी चाहिए।
- इ.रि.सें.