Career in Physiotherapy दर्द प्रबंधन और शारीरिक क्षमताएं बढ़ाने का पेशा
फिजियोथेरेपिस्ट विकलांगता के कारण होने वाली शारीरिक और कार्यात्मक अक्षमताओं का आकलन, निदान और उपचार करते हैं ताकि गतिशीलता में सुधार आये और दर्द मैनेज हो। बेचलर ऑफ फिजियोथैरेपी कोर्स करने बाद युवा अस्पतालों, क्लीनिकों और पुनर्वास केंद्रों में नौकरी कर सकते हैं। कुछ साल अनुभव के बाद वेतन आकर्षक हो जाता है। खुद का क्लीनिक भी खोल सकते हैं।
अशोक जोशी
फिजियोथेरेपी में स्नातक मेडिकल में एक आकर्षक और उच्च वेतन वाला कैरियर विकल्प है। जो छात्र स्वास्थ्य सेवा में कैरियर बनाने के इच्छुक हैं उनके लिए बीपीटी (बेचलर ऑफ फिजियोथैरेपी) के रूप में बेहतर संभावनाएं हैं। बीपीटी के लिए अस्पतालों, क्लीनिकों और पुनर्वास केंद्रों में नौकरी के अवसर उपलब्ध हैं। फिजियोथेरेपी एक स्वास्थ्य देखभाल पेशा है जो शारीरिक दुर्बलताओं, कार्यात्मक सीमाओं और विकलांगता के मूल्यांकन, निदान, रोकथाम और उपचार पर केंद्रित है। यह एक साक्ष्य-आधारित अभ्यास है। फिजियोथेरेपी शरीर की ताकत और कार्य को बहाल करने में सहायता करता है।
फिजियोथेरेपिस्ट और उसके कार्य
फिजियोथेरेपिस्ट वह पेशेवर होता है जो शारीरिक विकारों और विकलांगताओं का आकलन, निदान, उपचार और रोकथाम करता है, साथ ही सामान्य स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देता है। फिजियोथेरेपिस्ट रोगियों के इलाज के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हैं, जिनमें मैनुअल थेरेपी, चिकित्सीय व्यायाम, विद्युत उत्तेजना, हाइड्रोथेरेपी और अल्ट्रासाउंड शामिल हैं। वे आसन, व्यायाम, पोषण और जीवनशैली पर भी सलाह देते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट चोट, बीमारी या विकलांगता के कारण होने वाली शारीरिक और कार्यात्मक अक्षमताओं का आकलन, निदान और उपचार करने के लिए कई प्रकार की तकनीकों का उपयोग करते हैं। इसमें चिकित्सा का प्राथमिक लक्ष्य गतिशीलता में सुधार लाना और दर्द का प्रबंधन करना है।
उपयोग होने वाली तकनीकें
मैनुअल थेरेपी यानी दर्द को कम करने और गतिशीलता में सुधार करने के लिए कोमल ऊतकों और जोड़ों पर हाथों से हल्की मालिश। व्यायाम नुस्खा यानी ताकत, लचीलेपन, पोश्चर और संतुलन में सुधार के लिए व्यक्तिगत व्यायाम कार्यक्रम का विकास। चिकित्सीय पद्धतियां अर्थात दर्द और सूजन को कम करने के लिए विद्युत उत्तेजना, अल्ट्रासाउंड और अन्य पद्धतियों का उपयोग। शिक्षा अर्थात चोट की रोकथाम, आसन, एर्गोनॉमिक्स आदि विषयों पर शिक्षा। आसन और गति विश्लेषण यानी शिथिलता के क्षेत्रों की पहचान करने और सुधारात्मक रणनीति विकसित करने के लिए आसन, गति पैटर्न और चाल का मूल्यांकन। रोगी शिक्षा : घरेलू व्यायाम, स्व-प्रबंधन रणनीतियों आदि को लेकर शिक्षा देना।
अवसर तथा संभावनाएं
सक्रियता की कमी आदि से शारीरिक परेशानियां बढ़ी हैं, ऐसे में फिजियोथेरेपिस्ट की आवश्यकता भी बढ़ गई है। भारत और विदेश दोनों में फिजियोथेरेपिस्ट चिकित्सा पेशेवरों की भारी मांग है। फिजियोथेरेपी में स्नातक पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद, छात्र अस्पतालों, क्लीनिकों, खेल क्लबों, पुनर्वास केंद्रों आदि में फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं। वे ऑर्थोपेडिक्स, न्यूरोलॉजी, बाल चिकित्सा, और कार्डियोपल्मोनरी पुनर्वास जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता का चयन भी कर सकते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट अपने घरों में भी मरीजों के साथ काम कर सकते हैं।
निजी प्रैक्टिस : कई फिजियोथेरेपिस्ट अपना स्वयं का क्लीनिक खोलना चुनते हैं, जिससे वे अपने काम के समय व तरीके का फैसला खुद कर सकते हैं। पुनर्वास केंद्र : पुनर्वास केंद्र फिजियोथेरेपिस्टों के लिए काम करने के लिए बेहतरीन स्थान हैं, क्योंकि वे विभिन्न प्रकार के ग्राहकों के साथ काम करने और उन्हें चोट या बीमारी से उबरने में मदद करने का अवसर प्रदान करते हैं। गृह स्वास्थ्य देखभाल : गृह स्वास्थ्य देखभाल फिजियोथेरेपिस्टों को अपने घरों में रोगियों का इलाज करने की अनुमति देता है। अस्पताल : कई अस्पताल रोगियों के स्वास्थ्य लाभ और पुनर्वास में सहायता के लिए फिजियोथेरेपिस्ट नियुक्त करते हैं। खेल टीमें : खेल टीमें अक्सर खिलाड़ियों के लिए फिजियोथेरेपिस्टों को नियुक्त करती हैं। स्कूल : फिजियोथेरेपिस्ट स्कूलों में शारीरिक विकलांगता या चोट वाले छात्रों की मदद करने के लिए या विशेष शारीरिक शिक्षा कक्षाएं प्रदान करने को काम कर सकते हैं। अनुसंधान : फिजियोथेरेपिस्ट अनुसंधान में अपना कैरियर बनाना चुन सकते हैं।
फिजियोथेरेपिस्ट की आय
फिजियोथेरेपिस्ट का वेतन अनुभव, योग्यता और नौकरी की प्रकृति जैसे कारकों पर निर्भर है। औसतन, एक नया स्नातक लगभग 25,000 रुपये से 40,000 रुपये प्रति माह का प्रारंभिक वेतन कमा सकता है। अनुभव और विशेषज्ञता के साथ वेतन 1 लाख रुपये प्रति माह या उससे भी अधिक हो सकता है।
बीपीटी पाठ्यक्रम
फ़िज़िक्स, केमिस्ट्री, और बायोलॉजी के साथ 12वीं,न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों से, पूरी करने के बाद, 17 से 21 वर्ष आयु तक के विद्यार्थी फिजियोथेरेपी में स्नातक (बीपीटी) का विकल्प चुन सकते हैं, जो चार साल का स्नातक डिग्री कार्यक्रम है और 12वीं के बाद बिना एनईईटी के उच्च वेतन के साथ शीर्ष रेटेड मेडिकल पाठ्यक्रम है। बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (बीपीटी) पाठ्यक्रम की अवधि चार वर्ष है। बीपीटी पाठ्यक्रम करने के लिए एनईईटी परीक्षा में बैठने की आवश्यकता नहीं है। फ़िज़ियोथेरेपी कोर्स में प्रैक्टिकल की बहुत ज़रूरत होती है। यूं भी फ़िज़ियोथेरेपी में कैरियर के लिए, आनलाइन या डिस्टेंस मोड के कोर्स को मान्यता नहीं मिलती।
प्रमुख अध्ययन संस्थान
देश में लगभग सभी मेडिकल कॉलेजों में फिजियोथेरेपी कोर्स संचालित किए जाते हैं। फिर भी पाठयक्रम और प्रशिक्षण की दृष्टि से कुछ संस्थानों की फिजियोथेरेपी पाठयक्रम के लिए बहुत ज्यादा मांग है : पीजीआई एमईआर चंडीगढ़, एसडीएम कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी कर्नाटक, सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज कर्नाटक , बिट्स इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोथेरेपी गुजरात, हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय, जामिया हमदर्द नई दिल्ली, दयानंद सागर कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी कर्नाटक, जेएसएस कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी कर्नाटक, डॉ. डीवाई पाटिल विश्वविद्यालय महाराष्ट्र, श्री रामचंद्र उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान तमिलनाडु।