इश्क की चादर तले फले-फूले कारोबार
आलोक पुराणिक
वैलेंटाइन डे सामने है। इश्क एक जमाने में खतरे का काम हुआ करता था, अब वह धंधे का काम हो गया है। चॉकलेट, फूल, टैडी बीयर, पता नहीं क्या क्या बेच लिया जाता है, वैलेंटाइन डे के नाम पर। आखिरी सच धंधा ही है।
एक चॉकलेट कंपनी ने इश्तिहारबाजी मचा रखी है कि प्रेमीगण हमारी चॉकलेट से ही प्रेम करना। चॉकलेट प्रेम असल प्रेम है, बाकी किसे कौन प्रेम कर रहा है, यह सवाल फर्जी टाइप का है। नौजवान असली प्रेमी तब ही माने जायेंगे, जब फलां चॉकलेट कंपनी के मुनाफे बढ़ जायेंगे।
इधर मुझे बहुत टेंशन होने लगती है कि कंपनियां अपनी चॉकलेटबाजी में कहीं पुरानी प्रेम कथाओं को ही न तब्दील कर दें। लैला-मजनू की कथा कुछ यूं न कर दी जाये कि लैला ने कहा मजनू से कि तू वैलेंटाइन डे पर मेरे लिए स्विट्ज़रलैंड से स्विस चॉकलेट ला। मजनू बेचारा बेरोजगार स्विस चॉकलेट न ला पाया, सो लैला ने उस अफसर से शादी कर ली, जिसका स्विस खाता स्विट्ज़रलैंड में था।
इस तरह की कथाओं को स्विस सरकार और स्विस बैंक स्पांसर कर देंगे। किसी को प्यार से मतलब नहीं है, मतलब सिर्फ और सिर्फ धंधे से है। धंधे से हम लोगों को इस कदर इश्क हो गया है कि इश्क को ही धंधा बना लिया है। वैलेंटाइन डे पर टैडी बीयर का भी धंधा चल निकलता है। टैडी बीयर अगर सोच पाता तो सोचता कि भालू का क्या काम है इश्क में। पर है जी काम है पक्का काम है इश्क में भालू का। भालू की तरह बेडौल आम तौर पर बंदा शादी के कुछ साल बाद होता है। टैडी बीयर का इश्कबाजी में इस्तेमाल शायद इसलिए किया जाता है, वजन पर ध्यान दीजिये वरना भालू हो जायेंगे।
दरअसल, बेचना ही केंद्रीय गतिविधि है। इश्क वगैरह सब बहाना है। बेचमेव जयते, बेचने की जय हो। बेचेंगे तो बचेंगे। जो बेच न पा रहा है, बच न पा रहा है। परम सत्य यही है, भले ही बाजारी हो यह सत्य। पर सत्य यही है। शीरी फरहाद, रोमियो जूलियट-इन सारी प्रेम-कथाओं में देर-सवेर चॉकलेट घुस जायेगी। मुफ्त में प्यार कैसे हो सकता है। मुफ्त में प्यार होना नहीं चाहिए। कुछेक बरस ऐसी चॉकलेटबाजी और वैलेंटाइनबाजी चलती रही, तो पता चलेगा कि कहानी नयी हो गयी। एक कहानी यह भी सकती है कि दुनिया में प्यार नहीं था तो ऊपर वाले को पहले चॉकलेट बनानी पड़ी ताकि प्यार की शुरुआत की जा सके। क्योंकि चॉकलेट के बगैर तो इश्क संभव न था।
ऐसे ऐसे नौजवान हैं, जिनकी मां अगर पूजा के फूल मंगवाये, तो कतई न लायेंगे। पर ये ही नौजवान गुलाब धरे टहलते रहते हैं वैलेंटाइन डे के मौके पर। गुलाब चॉकलेट और टैडी बीयर इनकी सेल से ही तय होगा कि प्रेम बढ़ रहा है या नहीं।