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गुरुग्राम, पंचकूला के दलालों और प्राॅपर्टी डीलरों ने मिलकर खेला बड़ा खेल

08:53 AM Mar 30, 2024 IST
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चंडीगढ़, 29 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा मंत्रिमंडल के फर्जी पत्र के आधार पर गुरुग्राम में करीब 500 करोड़ रुपये की जमीन हड़पने के प्रयास का खुलासा होने पर हड़कंप मचा हुआ है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर हरियाणा पुलिस ने मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। डीएसपी एसआईटी का नेतृत्व करेंगे। बताया जा रहा है कि पूछताछ के लिए 5-6 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मंत्रिमंडल का फर्जी नोट बनाने से लेकर जमीन रिलीज कराने की प्रक्रिया में प्रथम दृष्टयता लाइजनरों व प्रापर्टी डीलरों का बड़ा रोल हो सकता है।
बताया जाता है कि मंत्रिमंडल के फर्जी पत्र के आधार पर जो जमीन रिलीज कराकर पंजीकृत कराई जाने वाली थी, वह गुरुग्राम जिले की है। यह जमीन करीब 50 एकड़ बतायी जा रही है, जिसका खसरा नंबर गुरुग्राम के राजीव चौक, बादशाहपुर और घासौला में बताया जाता है। मंत्रिमंडल के फर्जी नोट के क्रम संख्या 6 और 7 पर गुरुग्राम के घासौला की करीब 8 एकड़ जमीन का रिकार्ड सही पाया जा चुका है। यह जमीन गुरुग्राम के सेक्टर-49 में पड़ती है, जहां करीब 10 से 15 करोड़ रुपये प्रति एकड़ का रेट बताया जाता है।
अभी तक हुई जांच के बाद बताया जा रहा है कि इसका मास्टरमाइंड गुरुग्राम के गांव झाडसा का रहने वाला महेंद्र नाम का कोई आदमी है, जो दलाली करता है। कैथल के कलायत निवासी एक व्यक्ति की भी भूमिका बतायी जा रही है। यह जमीन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की है, जिस पर कब्जा इसी विभाग का है। इसी जमीन को रिलीज कराकर पंजीकरण कराने के लिए मंत्रिमंडल के फर्जी पत्र का इस्तेमाल किया गया है। मंत्रिमंडल के फर्जी पत्र में दर्ज गुरुग्राम की बाकी दो साइटों की भी सीआईडी व पुलिस अपने स्तर पर जांच करा रही है। सरकार ने गुरुग्राम के डीसी के माध्यम से घासौला का पूरा रिकार्ड अपने पास मंगवा लिया है, जबकि बाकी दोनों स्थानों पर मौजूद जमीन की समस्त जानकारियां जुटाने में टीम लगी हुई है।
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और सीआईडी प्रमुख आलोक कुमार मित्तल स्वयं इस पूरे केस को देख रहे हैं। हरियाणा पुलिस ने हालांकि अभी किसी गिरफ्तार नहीं किया है, लेकिन कड़ियों को जोड़कर पुलिस एक साथ बड़ी कार्रवाई करने की कोशिश में है। मंत्रिमंडल का फर्जी लेटर तैयार करने में मुख्य सचिव कार्यालय की कैबिनेट ब्रांच, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग और गुरुग्राम के अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्तता बताई जा रही है।

क्या है पूरा मामला

फर्जीवाड़ा करने वालों ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल का फर्जी पत्र तैयार किया था, जिसके आधार पर कीमती जमीन हड़पने की कोशिश की गयी। मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने जब अपने कार्यालय की शाखा के कर्मचारियों को तलब किया तो पता चला कि मनोहर लाल मंत्रिमंडल का यह पत्र पूरी तरह से फर्जी है। इस पर मुख्य सचिव ने लैंड रिकार्ड के डॉयरेक्टर को पंचकूला में केस दर्ज कराने के आदेश दिये। पत्र में कैबिनेट ब्रांच के अधीक्षक का हस्ताक्षर भी फर्जी किया गया था। इस पत्र में 15 और 21 दिसंबर 2023 की तारीख लिखी हुई है जबकि इस दौरान कोई कैबिनेट बैठक हुई ही नहीं थी।

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