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आधी सदी से पुल की दरकार, यमुना पार गांव में चुनाव का बहिष्कार

12:16 PM May 26, 2024 IST
यमुनानगर के माजरी टापू गांव में खाली पड़ा मतदान केंद्र और वोटरों का इंतजार करते चुनाव अधिकारी । -हप्र
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सुरेंद्र मेहता/अरविंद शर्मा
यमुनानगर/जगाधरी, 25 मई
उत्तर-प्रदेश बॉर्डर पर यमुना नदी के उस पार एक गांव ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया था। इसी के चलते शनिवार को वहां एक भी वोट नहीं डाला गया, जबकि वहां मतदान केंद्र और कर्मचारियों को पूरा अमला तैयार था। ग्रामीण भविष्य में भी चुनाव का बहिष्कार करेंगेे। यमुनानगर का माजरी टापू गांव अम्बाला संसदीय क्षेत्र में आता है और उसका हलका यमुनानगर है। यहां पहुंचाने के लिए यमुना नदी से होकर गुजरना पड़ता है और नाव का सहारा भी लेना पड़ता है।

गांव में जाने के लिए बाइक सहित नाव पर बैठा युवक। -हप्र

गांव के कालूराम नंबरदार ने बताया कि लोग अपनी जान-जोखिम में डालकर यहां तक पहुंचते हैं। इसके साथ 12 गांव ऐसे हैं जिनका यमुना के उस पार आना-जाना लगा रहता है। अगर ये लोग सरसावा सहारनपुर से जाते हैं तो 40 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ता है। ग्रामीणों ने कहा कि वे लंबे समय से गांव में पुल बनाने की मांग के लिए संघर्ष कर रहे हैं। नेता चुनाव से पहले आते हैं और वादे कर जाते हैं और चुनाव के बाद हाथ खड़े कर लेते हैं। जिसके चलते उन्होंने भी अब वोट डालने से अपने हाथ खड़े कर लिए हैं।
गांव के सरपंच अरुण कुमार ने कहा कि उनकी लंबे समय पुल बनवाने की मांग है। चुनाव में मतदान के बहिष्कार का ऐलान काफी पहले कर दिया गया था, अब आचार संहिता लगी है। उन्हें समझाने के लिए डीसी, एसपी और अन्य अधिकारी आए हैं।

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गांव में शनिवार को मीडिया के समक्ष अपनी समस्या बताते ग्रामीण। -हप्र

हर बार यह प्रक्रिया दोहरायी जाती और आश्वासन दिया जाता है लेकिन होती कुछ नहीं है। इसलिए इस बार हमने मतदान के बहिष्कार का निर्णय लिया। आठ किलोमीटर का रास्ता तय करने के लिए हमें 50 किलोमीटर अधिक दूर जाना पड़ता है। कई बार कोई बीमार होता है और अस्पताल जाने की मजबूरी होती है, लेकिन यहां सुनने वाला कोई नहीं है। सरपंच अरुण कुमार ने कहा कि गांव में 550 वोट हैं, इसके पास घोड़ा पीपली गांव में 1600 वोट हैं। दोनों गांव के लोगों ने बहिष्कार का ऐलान किया है। उनके साथ कुछ और गांव भी हैं जो अगले चुनाव में भी बहिष्कार कर सकते हैं।


''वर्ष 2004 में अपने कार्यकाल में मैंने माजरी टापू के लिए पुल बनवाया था। इसके साथ-साथ घोड़ा पिपली के लिए भी एक पुल बनवाया गया था। यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने यमुना पर पुल बनाने की मांग विधानसभा में भी रखी थी। हम लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए चुने जाते हैं, उन्हें दूर करने का प्रयास भी करते हैं। इस मामले में भी काफी प्रयास किए गए हैं लेकिन प्रोजेक्ट बड़ा है। साथ ही कलानौर का पुल भी है जहां से आवाजाही रहती है। इसके बावजूद वह ग्रामीणों के साथ हैं।''
-कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर

अधिकारियों ने काफी समझाया पर नहीं बनी बात

माजरी टापू के लोगों को समझाने के लिए यमुनानगर के डीसी मनोज कुमार, एसपी गंगाराम पूनिया 2 दिन पहले यहां पहुंचे थे लेकिन लोग अपनी मांग पर अड़े रहे और वोटिंग का बहिष्कार जारी रखने का ऐलान किया। शनिवार को डीडीपीओ नरेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और लगातार ग्रामीणों को समझाने-बुझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन अभी भी ग्रामीण अपनी जिद पर अड़े रहे। यमुनानगर के सिटी मजिस्ट्रेट पीयूष गुप्ता का कहना है कि लोगों को समझने का काफी प्रयास किया गया, लोगों से अपील की जा रही है कि वे मतदान अवश्य करें। इस समय आदर्श आचार संहिता लागू है, जिसके चलते कोई काम नहीं हो सकता। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद उनके कार्य के लिए प्रयास किया जाएगा।

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