सीवन ब्लाक समिति चेयरपर्सन को भाजपा का विरोध पड़ा भारी
सीवन, 12 नवंबर (निस)
गत विधानसभा चुनाव में भाजपा से पाला बदलकर कांग्रेस में जाना सीवन पंचायत समिति सीवन की चेयरपर्सन मनजीत कौर को भारी पड़ गया है और उन्हें इसकी कीमत चेयरपर्सन की कुर्सी गंवा कर चुकानी पड़ी है। सीवन ब्लाक समिति के सदस्यों की एक बैठक पंचायत कार्यालय सीवन में अतिरिक्त उपायुक्त दीपक बाबू लाल कारवा की अगुआई में बुलाई गई। बैठक में समिति के 16 में से 13 सदस्यों ने भाग लिया। बैठक के दौरान पंचायत समिति की चेयरपर्सन मनजीत कौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, जिसमें 12 सदस्यों ने चेयरपर्सन के खिलाफ मतदान किया और चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। इस दौरान पंचायत कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में चेयरपर्सन मनजीत कौर के समर्थक व विरोधी धड़े के लोग मौजूद रहे और उनके बीच कई बार कहा-सुनी हुई, जिसे पुलिस कर्मचारियों ने बीचबचाव करके टाला।
पंचायत समिति की बैठक के दौरान विशेष तौर पर मौजूद रहे गुहला भाजपा के पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने सदस्यों से कहा कि जल्द ही सीवन ब्लाक समिति के लिए नया चेयरपर्सन चुना जाएगा। जानकारी के अनुसार जब तक चेयरपर्सन का चुनाव नहीं होता तब तक वाइस चेयरमैन लाभ सिंह कसौर को कार्यकारी चेयरमैन की जिम्मेवारी मिल सकती है। पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने पत्रकारों को बताया कि पंचायत समिति के सदस्य चेयरपर्सन मनजीत कौर की कार्य प्रणाली से संतुष्ट नहीं थे और वे उन्हें हटाने का मन बना चुके थे। उन्होंने बताया कि आज 16 सदस्यों में से 12 ने चेयरपर्सन के खिलाफ मतदान कर उन्हें कुर्सी से हटा दिया है।
वाइस चेयरमैन लाभ सिंह कसौर ने कहा कि पिछले 2 वर्षों से सीवन पंचायत समिति के सभी विकास कार्य ठप पड़े थे। उन्होंने आरोप लगाया कि चेयरपर्सन मनजीत कौर के पति बलजिन्द्र सिंह का पार्षदों के प्रति व्यवहार उचित नहीं रहता था और जब भी पार्षद कोई काम लेकर आते तो बलजिंद्र सिंह उन्हें टाल देता था, जिसके चलते पार्षदों ने चेयरपर्सन को कुर्सी से हटाने का मन बनाया।
बता दें कि 2019 के चुनाव में गुहला से भाजपा उम्मीदवार रहे रवि तारांवाली ने मनजीत कौर को सीवन ब्लाक समिति के चेयरपर्सन बनाने में अहम भूमिका अदा की थी। गत विधानसभा चुनाव में रवि तारांवाली की टिकट कटने के बाद चेयरपर्सन मनजीत कौर व उनके पति बलजिंद्र सिंह भी पाला बदलकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे और चुनाव के दौरान खुलकर भाजपा का विरोध किया था। इस विरोध का खमियाजा उन्हें चेयरपर्सन की कुर्सी गंवा कर चुकाना पड़ा है।
'' हम पहले भी भाजपा के साथ थे और अब भी भाजपा के साथ हैं, मेरा विरोध भाजपा को लेकर नहीं बल्कि कुलवंत बाजीगर को लेकर है। विधानसभा चुनाव से पहले भी कुलवंत बाजीगर मनजीत कौर को चेयरपर्सन पद से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था, लेकिन तब वोटिंग नहीं हो पाई। यदि पार्टी भविष्य में भी कुलवंत बाजीगर को गुहला से प्रत्याशी बनाती है तो भी मैं इनका विरोध करूंगा। ''
-बलजिंदर सिंह, प्रतिनिधि चेयरपर्सन