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सफीदों में भाजपा की अग्नि परीक्षा, नहीं जीत सकी कभी

10:20 AM Sep 09, 2024 IST
डॉ. वंदना शर्मा, रामकुमार गौतम

रामकुमार तुसीर/निस
सफीदों, 8 सितंबर
हरियाणा में अब तक हुए 13 विधानसभा चुनावों में भाजपा सफीदों में एक बार नहीं जीत सकी है। पार्टी ने यहां से चार चुनाव लड़े हैं और सभी में उसे हार मिली। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा ने डाॅ. वंदना शर्मा को यहां से टिकट दी थी, जोकि केंद्रीय मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज की बहन हैं। उस समय सुषमा स्वराज एवं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके लिए प्रचार किया था, लेकिन डॉ. वंदना शर्मा को कामयाबी नहीं मिल पाई। राजनाथ सिंह ने राजपूत बाहुल्य मुवाना गांव में आयोजित चुनावी सभा में लोगों से वंदना के लिए वोट की अपील की थी जबकि सुषमा स्वराज यहां कई दिन ठहरी थीं। अब यहां भाजपा के पक्ष में समीकरण अनुकूल हैं तो इसके प्रत्याशी नारनौंद के पूर्व विधायक रामकुमार गौतम को बाहरी बताकर कुछ विरोध हो रहा है। ऐसी स्थिति में यह चुनाव भाजपा व इसके प्रत्याशी के लिए अग्नि परीक्षा ही है, इसके बावजूद यहां पार्टी के स्थानीय नेताओं की ‘फौज’ है जो किसी स्थानीय को टिकट ना मिलने से फिलहाल नाराज है, लेकिन संकेत है कि कुछ समय बाद प्रचार में शामिल होंगे।
वर्ष 2000 के विधानसभा चुनावों तक इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का कोई नामलेवा भी नहीं था। वर्ष 2005 के चुनाव में यहां से पहला चुनाव भाजपा की टिकट पर विजयपाल सिंह एडवोकेट ने लड़ा। उस चुनाव में विजयपाल सिंह चौथे स्थान पर रहे। उन्हें केवल 3557 वोट ही मिले। इसके बाद वर्ष 2009 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर राजकुमार मोर को चुनाव मैदान में उतारा जिनके पक्ष में कुल 8697 मत पड़े और वे पांचवें स्थान पर रहे। विजयपाल सिंह आजकल राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हैं जबकि जिला अध्यक्ष रह चुके राजकुमार मोर आजकल प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य हैं। भाजपा का यहां तीसरा चुनाव पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज की बहन डॉ. वंदना शर्मा ने वर्ष 2014 में लड़ा।
डॉ. वंदना भी निर्दलीय उम्मीदवार जसबीर देशवाल से 1422 मतों के अंतर से हार गईं। उस चुनाव में कुल 134014 मत पड़े जिनमें से 29369 जसवीर देशवाल को और 27947 मत डॉ. वंदना शर्मा को मिले। इसके बाद वर्ष 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यहां पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य को अपना उम्मीदवार बनाया। उस चुनाव में भी कई स्थानीय भाजपा नेताओं पर भितरघात का आरोप लगा।
सुभाष गांगोली के मुकाबले बचन सिंह 3658 मतों से बाजी हार गए। इस चुनाव में भाजपा ने नारनौंद के पूर्व विधायक रामकुमार गौतम को यहां अपना उम्मीदवार बनाया है। ‘दादा’ कल अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इधर पूर्व विधायक कलीराम पटवारी को छोड़कर स्थानीय भाजपा नेता ‘दादा’ को बाहरी उम्मीदवार बताते हुए उनके चुनावी कार्यक्रमों से अभी ओझल हैं। शुक्रवार को ‘दादा’ पहली बार यहां आए तो उनके पक्ष में कुछ लोग यहां लामबंद होते भी नजर आए।

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