बीरेंद्र दंपति की घर वापसी, फिर से हुए कांग्रेसी
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 9 अप्रैल
पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह की करीब दस साल बाद घर वापसी हो गई है। भाजपा से इस्तीफा देने के एक दिन बाद मंगलवार को उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। उनकी पत्नी व पूर्व विधायक प्रेमलता और उनके समर्थक भी कांग्रेस में शामिल हो गये। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक और पवन खेड़ा की मौजूदगी में बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस ज्वाइन की। जल्द ही उनकी मुलाकात पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी के साथ भी होगी। ज्वाइनिंग के मौके पर हरियाणा कांग्रेस के अधिकांश दिग्गज नेता मौजूद रहे। पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चौ. उदयभान, पूर्व केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय महासचिव कुमारी सैलजा, राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव और तोशाम की विधायक व कांग्रेस विधायक दल की नेता रहीं किरण चौधरी भी इस मौके पर नजर आयीं। पंजाब की पूर्व सीएम राजिंदर कौर भट्ठल भी दिल्ली में थीं।
किसानों के मुद्दे पर भाजपा पर निशाना बीरेंद्र सिंह किसानों की मांगों और उनके मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमलावर दिखे। बीरेंद्र सिंह ने कहा, ‘मैंने भी किसानों की मांगों की वकालत की थी लेकिन मेरी नहीं चली। भाजपा एमएसपी की गारंटी देने को राजी ही नहीं थी।’ यहां बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान बीरेंद्र सिंह ने भाजपा में रहते हुए भी किसानों का समर्थन किया था। भाजपा ने बीरेंद्र सिंह को राज्यसभा भेजा था और इसके बाद उन्हें केंद्र में मंत्री भी बनाया गया। 2019 में उनके आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह ने वीआरएस लेकर भाजपा ज्वाइन की और हिसार से लोकसभा चुनाव जीते। बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता को 2014 में भाजपा ने उचाना कलां से विधानसभा चुनाव लड़वाया था और वह पहली बार विधानसभा पहुंचीं थी। बृजेंद्र सिंह पिछले महीने कांग्रेस में आ गये थे।
बृजेंद्र हिसार से लड़ेंगे चुनाव!
बीरेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही यह भी तय हो गया है कि उनके बेटे को पार्टी लोकसभा चुनाव लड़वाएगी। बृजेंद्र सिंह का हिसार संसदीय सीट से चुनाव लड़ना लगभग तय है। सूत्रों का कहना है कि बृजेंद्र के टिकट को लेकर पार्टी हाईकमान के स्तर पर फैसला हो चुका है। बीरेंद्र परिवार की कांग्रेस में वापसी राहुल गांधी से सीधी बात के जरिये ही हुई है। राहुल और बृजेंद्र लोकसभा की एक ही कमेटी के सदस्य थे। इसी दौरान उनकी कांग्रेस में एंट्री की बात तय हो गई थी।
प्रेमलता लड़ेंगी विधानसभा चुनाव!
सूत्रों का कहना है कि बीरेंद्र सिंह के परिवार में यह भी फैसला लगभग लिया जा चुका है कि प्रेमलता ही उचाना कलां से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। बीरेंद्र राजनीति में सक्रिय तो रहेंगे, लेकिन चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का उन्होंने ऐलान किया हुआ है। ऐसे में पार्टी के लिए काम तो करेंगे लेकिन चुनाव नहीं लड़ेंगे। अभी तक की तो यही स्थिति है। बाकी राजनीति संभावनाओं का खेल है, इसमें कुछ भी असंभव नहीं।