भिवानी स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़झाला
भिवानी, 10 सितंबर (हप्र)
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक दल नेता किरण चौधरी ने आरोप लगाया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी और एक डेंटल चिकित्सक ने भ्रष्टाचार का सिंडिकेट बना रखा है जिस कारण आम आदमी को स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित होना पड़ रहा है। वे इस मामले की शिकायत प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भी करेंगी।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए किरण चौधरी ने कहा कि अस्पताल में कान्ट्रेक्ट पर होने वाली नियुक्तियों में भी बड़े गड़बड़झाले की सूचनाएं हैं। इसके अलावा कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी अस्पताल में व्यापक स्तर पर अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि भिवानी जिलाधीश ने भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी की आरटीपीसीआर जांच में भूमिका को लेकर उन्हें दोषी ठहराते हुए उच्च अधिकारियों को शिकायत की थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।
किरण चौधरी ने भिवानी शहर में अमरूत योजना के तहत खर्च किये 72 करोड़ रुपये की सार्थकता पर भी प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि चंद अधिकारियों व ठेकेदारों ने मिलकर उन इलाकों में बरसाती पानी की लाइनें नहीं डाली जहां पानी खड़े होने की सबसे अधिक समस्या है। अमरूत योजना के तहत जो कार्य किये गए हैं उनकी गुणवत्ता भी निम्न स्तर की है। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राम प्रताप शर्मा, अमर सिंह, देवराज महता, कृष्ण लेघां, परमजीत मड्डू, मुकेश पहाड़ी, अमन राघव, दिलबाग निमड़ी, शीशराम मेचू, बलवान पार्षद, रविंद्र खरे सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।
‘विधानसभा में गूंजेगा बर्बाद फसलाें का मुद्दा’
चरखी दादरी (निस) : किरण चौधरी ने गांव इमलोटा, मोरवाला सहित कई गांवों में जलभराव की हालत का निरीक्षण किया और किसानों से चर्चा की। किसानों ने उन्हें बताया कि हर साल 12 गांवों की फसलें पानी में डूब जाती हैं। किसानों की समस्याएं सुन किरण चौधरी ने डीसी प्रदीप गोदारा से फोन पर बात करके समाधान करने की बात कही। साथ ही कहा कि प्रभावित क्षेत्रों की स्पेशल गिरदावरी के लिए सरकार के पास मांग भेजें। इस अवसर पर पूर्व विधायक धर्मपाल सांगवान, दिलबाग नीमड़ी, रणबीर फौजी, रामशरण फौगाट, डा. ओमप्रकाश आदमपुर, सुशील धानक, लीलाराम समसपुर व रणधीर घिकाड़ा उपस्थित रहे।
आरोप निराधार : सीएमओ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि बिना सबूत के आरोप लगाना अनुचित है।