चुनावी अखाड़े में नौकरशाहों से खाई भजन परिवार ने पटखनी
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 9 अक्तूबर
पूर्व मुख्यमंत्री चौ़ भजनलाल परिवार के सामने चुनावी अखाड़े में नौकरशाह हावी रहे। अभी तक तीन बार भजनलाल परिवार ने नौकरशाहों से ही मात खाई है। हालांकि भजनलाल पुत्र कुलदीप बिश्नोई का कभी किसी ब्यूरोक्रेटस से सीधा सामना नहीं हुआ। लेकिन चौ़ भजनलाल और उनके पोते भव्य बिश्नोई सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों के सामने ही चुनाव हारे हैं। भव्य बिश्नोई दो बार आईएएस अधिकारियों के सामने चित हुए हैं।
भजनलाल ने 1998 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस टिकट पर करनाल से लड़ा। उन्होंने इस चुनाव में जीत हासिल की। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार अधिक दिनों तक नहीं चल पाई। ऐसे में 1999 में लोकसभा के चुनाव फिर से हुए। भजनलाल ने इस बार भी करनाल से ही किस्मत आजमाई। भाजपा टिकट पर सेवानिवृत्त आईएएस आईडी स्वामी ने चुनाव लड़ा और हेवीवेट भजनलाल को पटखनी दी। इसके बाद आईडी स्वामी केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री भी रहे। इसके बाद भजनलाल ने कभी भी करनाल से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा।
कुलदीप भी हुए भावुक
चुनावी हार के बाद बुधवार को आदमपुर हलके में बिश्नोई समर्थकों की बैठक हुई। इस बैठक में कुलदीप बिश्नोई व भव्य बिश्नोई के अलावा परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे। लोगों से संवाद के दौरान पहले भव्य बिश्नोई भावुक हो गए। इसके बाद जब कुलदीप बिश्नोई ने अपने हाथों में माइक संभाला तो उनकी भी आंखें भर आईं। वे कुछ नहीं बोल सके और माइक छोड़कर कुर्सी पर बैठ गए। हाथों से आंखों को पोंछने की कोशिश की लेकिन बेटे की हार से वे टूटे हुए नज़र आए।
आईएएस ने ही ढहाया गढ़
अब भजनलाल परिवार तीसरी बार भी आईएएस अधिकारी के हाथों ही हारा है। यह हार इसलिए बड़ी हो गई है क्योंकि 56 वर्षों से आदमपुर हलके से भजनलाल परिवार कभी चुनाव नहीं हारा। इस अवधि में हुए सभी आमचुनाव और उपचुनाव भजन परिवार के सदस्यों ने ही जीते हैं। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चंद्र प्रकाश ने कांग्रेस टिकट पर आदमपुर सीट से भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को पटखनी दी।
बृजेंद्र सिंह दे चुके हैं मात
इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनावों में भजनलाल के पोते व पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई ने हिसार लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा। 2014 में हिसार से इनेलो सांसद रहे दुष्यंत सिंह चौटाला 2019 का चुनाव खुद की जननायक जनता पार्टी की टिकट पर लड़ रहे थे। भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को यहां से टिकट दिया। बृजेंद्र सिंह हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी थे। 20 वर्षों से अधिक की सर्विस के बाद उन्होंने नौकरी से वीआरएस लेकर भाजपा ज्वाइन की थी। भाजपा टिकट पर उन्होंने 6 लाख 3 हजार 289 वोट लेकर जीत हासिल की। जजपा के दुष्यंत चौटाला को उन्होंने 3 लाख 14 हजार 68 मतों से शिकस्त दी। वहीं कांग्रेस के भव्य बिश्नोई को महज 1 लाख 84 हजार 369 वोट हासिल हुए। इस चुनाव में कांग्रेस अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई। यानी आईएएस अधिकारी के सामने भव्य बिश्नोई बुरी तरह से चुनाव हारे।