हिमाचल प्रदेश एनर्जी मैनेजमेंट सेंटर के गठन से पहले बिजली बोर्ड कर्मियों ने भौहें तरेरी
शिमला, 29 जुलाई (हप्र)
हिमाचल में बिजली की बिक्री तथा इसके प्रबंधन के मकसद से प्रस्तावित हिमाचल प्रदेश एनर्जी मैनेजमेंट सेंटर (एचपीईएमसी) के गठन से पहले बिजली बोर्ड कर्मियों ने भौहें तरेर ली हैं। बोर्ड एम्पलाईज यूनियन ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर प्रस्तावित एचपीईएमसी की बैठक के मुद्दे में हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।
यूनियन महासचिव हीरा लाल वर्मा की तरफ से मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि बिजली बोर्ड में स्थायी प्रबंध निदेशक की तैनाती तक एचपीईएमसी की बैठक को टाला जाए। पत्र में कहा गया है कि बिजली बोर्ड के वर्तमान प्रबंध निदेशक के पास ऊर्जा विभाग के निदेशक के साथ साथ हिमाचल पावर कारपोरेशन का भी कार्यभार है। वह बिजली बोर्ड में प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे हैं। एचपीईएमसी की बैठक में मौजूदा प्रबंध निदेशक तीन- तीन संस्थानों की नुमाइंदगी करेंगे।
पत्र में अंदेशा जताया गया है कि मौजूदा प्रबंध निदेशक को किसी कारणवश बोर्ड के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित होने की स्थिति में बैठक में हुए फैसलों पर भी सवाल उठेंगे। साथ ही यह कानूनी तौर पर भी ठीक नहीं है।
गौरतलब है कि वर्तमान में ऊर्जा विभाग के साथ साथ बिजली बोर्ड व हिमाचल पावर कारपोरेशन राज्य में बिजली की बिक्री का कारोबार करते हैं। सरकार इस कारोबार को एक ही छत के नीचे लाना चाहती है। इस मकसद से एचपीईएमसी का गठन होना है। एचपीईएमसी में 94 पदों को भरा जाना है। 50 पद बिजली बोर्ड तथा बाकी के पद पावर कारपोरेशन अथवा अन्य संस्थानों से भरे जाने हैं। जिन संस्थानों से कर्मचारियों को एचपीईएमसी में भेजा जाएगा वहां पद खत्म होंगे। एचपीईएमसी में अध्यक्ष के अलावा सदस्य सचिव, आमंत्रित सदस्य व बोर्ड, पावर कारपोरेशन, ऊर्जा विभाग के निदेशक अथवा प्रबंध निदेशक अथवा उनके नुमाइंदे सदस्य होंगे। इसके अलावा वित्त सचिव का नुमाइंदा भी होगा। इसके अतिरिक्त निदेशक व महाप्रबंधक समेत कई और पदों को एचपीईएमसी में भरा जाना है।