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मधुमक्खी पालक किसान सुभाष कांबोज को 26 जनवरी का मिला निमंत्रण

05:00 AM Jan 21, 2025 IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम में दिखते गांव हाफिजपुर के मधुमक्खी पालक प्रगतिशील किसान सुभाष कांबोज। -हप्र

सुरेंद्र मेहता/ हप्र

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हाफिजपुर के मधुमक्खी पालक प्रगतिशील किसान सुभाष कांबोज

यमुनानगर, 20 जनवरी
गांव हाफिजपुर के मधुमक्खी पालक प्रगतिशील किसान सुभाष कांबोज को भारत सरकार की और से दिल्ली में 26 जनवरी को 76वें गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण मिला, जिसमें वे भारत सरकार के 4 दिन तक मेहमान होंगे। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की ओर से उन्हें 4 दिन के लिए दिल्ली में आने के लिए निमंत्रण दिया गया है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अनुसार उनको 25 जनवरी को दिल्ली बुलाया है, फिर वहां 25 से 28 जनवरी तक अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इसमें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड वीआईपी गैलरी में बैठकर देखने का मौका भी मिलेगा। 27 और 28 जनवरी को उन्हें दिल्ली के प्रसिद्ध स्थानों पर भ्रमण के लिए ले जाया जाएगा। इस दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के कार्यक्रम में भी शामिल रहेंगे।

गौरतलब है कि हाफिजपुर के मधुमक्खी पालक प्रगतिशील किसान सुभाष कांबोज देश में उस समय सुर्खियों में आए जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में उनका दो बार जिक्र किया था और उनके मधुमक्खी पालन कार्य की सराहना की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के अन्य किसानों को भी सुभाष कांबोज की तरह ही वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षण लेकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया था।

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उन्हें मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी के अलावा कृषि विज्ञान केंद्र दामला, चौधरी चरण सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार, उद्यान विभाग, आईबीडीसी रामनगर और प्रदेश व देश में कई मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है।

यमुनानगर के गांव हाफिजपुर के मधुमक्खी पालक प्रगतिशील किसान सुभाष कांबोज। -हप्र

सन 1996 से पहले निजी स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्य कर चुके किसान सुभाष कांबोज ने बताया कि उन्होंने मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने मात्र छह बॉक्स से मधुमक्खी पालन का कार्य शुरू किया था। आज उनके पास दो हजार से ज्यादा मधुमक्खी पालन के बॉक्स हैं। वे स्वयं पूरे देश में शहद की बिक्री करते हैं।

आज उनका शहद हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल के अलावा विदेशों में भी बिकता है। उन्होंने अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है।

 

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