मौसम विज्ञानी बन संवारें अपना आने वाला कल
अशोक जोशी
आज भीषण गर्मी पड़ने की आशंका है.. आज देश के इन राज्यों में आंधी-तूफान की आशंका है.. आज हल्की बारिश से मौसम सुहावना हो सकता है.. हर दिन हम लोग ऐसे मैसेज का इंतजार करते हैं। इससे हमें अंदाजा लग जाता है कि आगे का दिन कैसा गुजरने वाला है। फिर उसी हिसाब से हम अपनी तैयारी करते हैं। अगर आप भी इस क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं यानी मौसम वैज्ञानिक बनना चाहते हैं तो जानिए इसके लिए कौन सा कोर्स करना होगा।
एक जमाना वह था जब लोग आसमान की तरफ टकटकी लगाकर मौसम का अनुमान लगाया करते थे। कभी कड़क धूप तो कभी आसमान में उमड़ते बादलों के सहारे मौसम का अनुमान लगाने की कोशिश की जाती थी। फिर समय बदला और रेडियो और दूरदर्शन पर मौसम की खबरों ने इस आकलन को कुछ और ज्यादा सटीक किया। अब आलम यह है कि सैटेलाइट और इंटरनेट के आगमन से एक क्लिक में ही मौसम का हाल पता चल जाता है। कई बार तो हीटवेव या ठंड ज्यादा होने पर अलर्ट भी आ जाता है। इसी मौसम के अनुमान से तटीय इलाकों में तूफान या चक्रवातों की पूर्व सूचना से जान-माल के नुकसान को बचाया जाना संभव हुआ है। यह सब मौसम वैज्ञानिकों की मदद से हुआ है। इसीलिए आज के युवाओं में मौसम विज्ञान में कैरियर बनाने के प्रति रुचि बढ़ी है।
यह काम करते हैं मौसम वैज्ञानिक
मौसम वैज्ञानिक वे वैज्ञानिक होते हैं, जो पृथ्वी के वायुमंडल और भौतिक वातावरण, पृथ्वी पर उनके विकास, प्रभाव और परिणामों का अध्ययन करते हैं। मौसम वैज्ञानिक सटीक और समय पर जानकारी प्रदान करने के लिए मौसम के पैटर्न और वायुमंडलीय स्थितियों का अध्ययन करते हैं। वह विभिन्न उद्देश्यों को सार्थक करने के लिए मौसम का पूर्वानुमान लगाते हैं।
मौसम वैज्ञानिक के कार्य का क्षेत्र
एक मौसम वैज्ञानिक का कार्य पृथ्वी के वायुमंडल और भौतिक वातावरण, पृथ्वी पर उनके विकास, प्रभाव और परिणामों पर अध्ययन करना है। इनके अन्तर्गत फिजिकल मीटिअरोलॉजी, क्लाइमेटोलॉजी, सिनॉप्टिक मीटिअरोलॉजी, डाइनेमिक मीटिअरोलॉजी, एग्रीकल्चर मीटिअरोलॉजी और अप्लाइड मीटिअरोलॉजी जैसे क्षेत्र आते हैं जिनमें मौसम वैज्ञानिक अपने अपने क्षेत्र के अनुसार क्रमश: सोलर रेडिएशन, पृथ्वी में विलयन एवं वायुमंडलीय व्यवस्था, स्थान विशेष की जलवायु का अध्ययन, गणितीय सूत्रों के जरिये वायुमंडलीय प्रक्रियाओं का अध्ययन, फसलों की पैदावार एवं उससे होने वाले नुकसान में मौसम संबंधी सूचनाओं का आकलन , एअरकॉफ्ट डिजाइन, वायु प्रदूषण एवं नियंत्रण आर्किटेक्चरल डिजाइन, अर्बन प्लानिंग, एअर कंडिशनिंग, टूरिज्म डेवलपमेंट आदि का शिक्षण-प्रशिक्षण प्राप्त कर मौसम वैज्ञानिक का दायित्व वहन करते हैं।
आवश्यक योग्यताएं
मौसम वैज्ञानिक का कोर्स करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना जरूरी है। इसके साथ ही मौसम विज्ञान या संबंधित विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री भी होनी चाहिए। इस क्षेत्र में विशेष योग्यता हासिल कर कैरियर के बेहतर प्रॉस्पेक्ट्स के लिए युवा इसमें मास्टर्स या पीएचडी की डिग्री भी हासिल कर सकते हैं। देश के बहुत से कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में मीटिअरोलॉजी से संबंधित कोर्स चलाए जा रहे हैं। जो युवा इस क्षेत्र में भविष्य बनाना चाहते हैं, वे इसमें अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट योग्यता हासिल कर सकते हैं। अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से विज्ञान वर्ग भौतिकी, जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान से 12वीं पास होना जरूरी है। ग्रेजुएट स्तर का कोर्स तीन साल का है। अगर आप इसमें पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री लेना चाहते हैं तो इसके आपका बीएससी होना जरूरी है।
प्रमुख शैक्षणिक संस्थान
आईआईटी दिल्ली,आईआईटी खड़गपुर,आईआईटीएम पुणे, आईआईएससी, बेंगलुरू, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, कोचिन यूनिविर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी,कोचीन,आंध्र यूनिवर्सिटी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर, उड़ीसा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, मणिपुर विश्वविद्यालय, इंफाल।
जॉब के अवसर
इस क्षेत्र में युवा जहां रिसर्च वैज्ञानिक व प्रोफेसर के तौर पर नौकरी कर सकते हैं। वहीं रेडियो और दूरदर्शन केन्द्र, उपग्रह अन्तरिक्ष अनुसन्धान केन्द्र, मौसम प्रसारण केन्द्र, सैन्य विभाग, पर्यावरण से जुड़ी एजेंसियों, रेडियो और दूरदर्शन केन्द्र, औद्योगिक मौसम अनुसन्धान संस्थाएं, उपग्रह, अन्तरिक्ष अनुसन्धान केन्द्र तथा विश्व मौसम केन्द्र में भी अच्छे पैकेज पर जॉब कर सकते हैं।
हमारे देश में आज भी मौसम वैज्ञानिकों की भारी कमी है। कोर्स पूरा करने के बाद उम्मीदवार अनुसंधान केंद्र, कृषि योजना विभाग, मौसम परामर्श संगठनों में काम कर सकते हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अलावा विदेश के मौसम विश्लेषण संस्थानों के साथ काम कर सकते हैं। मौसम वैज्ञानिक को शुरुआती तौर पर 6 से 10 लाख रुपये सालाना वेतन मिलता है, लेकिन अनुभव और पद के आधार पर वेतन बढ़ जाता है।