सब्जियों की बहार के लिए रहें तैयार
किचन गार्डन से यदि कद्दू, सेम, बींस व टमाटर आदि सब्जियों की बहार जून के लास्ट तक लेना चाहते हैं तो अभी हफ्ता-दस दिन में तैयारी शुरू कर दें। पहले देसी खाद मिलाकर मिट्टी उर्वर बना लें। उन्नत किस्म के बीज बोएं। जम जाएं तो बाद खाद-पानी का ध्यान रखें। एक महीने बाद सब्जियों की बहार आ जायेगी।
अनु आर.
अगर आपको गार्डनिंग का शौक है और चाहती हैं कि जुलाई और अगस्त के महीने में आपकी घरेलू बगिया में हरी सब्जियां लहलहाएं तो इसकी अभी से तैयारी कर लीजिए। क्योंकि जून के पहले सप्ताह में अगर हम सेम, बींस, टमाटर, भिंडी, हरी मिर्च और कद्दू के बीज डाल दें तो जुलाई आते-आते बगिया लहलहाने लगेगी। तो जानिये जुलाई में अपनी घरेलू बगिया में कैसे बिना पेट्रो उर्वरकों के इस्तेमाल से हरी हरी सब्जियां खाने को मिल सकती हैं।
शुरुआती तैयारी
अगर जमीन पर बगिया है तो मिट्टी को अच्छे से तैयार करना होगा और अगर किचन गार्डन गमलों में लगा है तो गमलों के लिए उर्वर मिट्टी बनानी होगी। इसके लिए चाहिए होंगे देसी खाद, चिकनी और पीली मिट्टी, अच्छी किस्म के सब्जियों के बीज आदि। घर में जो चीजें रोजमर्रा में इस्तेमाल कर रही हैं, उन चीजों से अगर अपनी घरेलू बगिया के लिए सब्जियां उगाएंगी तो सब्जियां उगेंगी तो, लेकिन वह बात नहीं रहेगी। इसलिए बजट की चिंता किए बिना हर बार जब अपनी बगिया के लिए कुछ सब्जियां या फूल बोएं तो कोशिश करें कि बाजार से उन्नत किस्म के बीज खरीदकर लाएं।
मिट्टी को ऐसे बनाएं उर्वर
सब्जियां उगाने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह से उर्वर बना लें। इसके लिए चिलचिलाती धूप में मिट्टी को अच्छे से सुखा लें, इससे मिट्टी के अंदर पल रहे कीड़े-मकोड़े मर जायेंगे। मिट्टी को भुरभुरी बनाने के बाद उसमें आधी देसी गोबर की खाद मिला लें। इसे भी एक-दो दिन मिट्टी के साथ ही सुखा लें। इससे खाद और मिट्टी के अंदर की नमी खत्म हो जाएगी जो कई कीड़ों, मकोड़ों, कीटों और बैक्टीरिया का घर होती है। इसके बाद कीड़े नहीं पनपेंगे। धूप में पकने से मिट्टी के अंदर मौजूद खरपतवार भी खत्म हो जाते हैं। खाद वाली मिट्टी अच्छी तरह से सूख गयी है तो इसे आपस में मिक्स करके गमलों में भर लें और हर गमले में 2 से 3 गिलास पानी डाल दें। अब दूसरे दिन शाम तक आपका डाला हुआ पानी सूख जायेगा और गमले की मिट्टी हल्की भुरभुरी हो जायेगी और उसके अंदर नमी भी मौजूद होगी।
बीज दबाने के बाद दें थोड़ा पानी
अब गमले की मिट्टी में एक से डेढ़ इंच गहराई में सब्जियों के बीज दबा दें और ऊपर से मिट्टी बराबर कर दें। मिट्टी बराबर करने के बाद थोड़ा सा पानी भी जरूर डाल दें। अगर सब्जियों के बीजों को मिट्टी में दबाने के पहले कुछ घंटों तक पानी में भिगोकर रखेंगे तो वे बहुत आसानी से और जल्दी उग आते हैं। खासकर भिंडी, सेम, कद्दू आदि के बीजों को दो से चार घंटे तक पानी में भिगोकर मिट्टी में दबाएं। ऐसा करने से सिर्फ दो दिन के भीतर ये बीज मिट्टी फोड़कर उग आएंगे। अगर सब्जियों के बीज आपके अनुमान के मुताबिक जल्दी न उग रहे हों तो परेशान न हों, हो सकता है नमी में कुछ कमी हो, तो एक-दो दिन ज्यादा समय लेंगे लेकिन उग आएंगे। जब बीज अंकुरित हो बाहर निकल आए, तो उसे तीखी धूप से बचाना है। एक हफ्ते तक कड़क धूप के समय उन्हें छाया में रखना चाहिए।
पानी-खाद देते रहें
जब पौधे 10 से 15 दिन के हो जाएं तो किसी जानकार से पूछकर उन पौधों में लगने वाले कीटनाशक छिड़क दें। नियमित रूप से पौधों को न सिर्फ पानी देती रहें बल्कि देसी खाद भी देते रहना जरूरी है। खरपतवार उगे तो साफ करते रहें। 20 से 25 दिन के बाद आपके पौधे लहलहाने लगेंगे। पौधे एक महीने की उम्र पूरी कर लें तो उनमें फलने, फूलने की शुरुआत होने लगती है, तब तक मानसून की एक दो बारिश भी हो चुकी होंगी, जिससे आपके पौधे और भी तेजी से बढ़ेंगे। 35 से 40 दिन के भीतर भिंडी, फल देने की प्रक्रिया में आ जायेगी और 44-45 दिन आप अपनी बगिया की हरी हरी खूबसूरत भिंडी की सब्जियां खा रही होंगी।
कद्दू और बींस के फलने-फूलने का समय
कद्दू थोड़ा बड़ा फल है और यह सितंबर माह तक फलता-फूलता है, इसलिए अगर इसे गमले में भी लगा रखा है तो इसके लिए थोड़ा सहारा बना दें, जिसमें यह अपना विकास कर सके और जब इसमें फल लगे तो अगर वह लटके तो सहारा इतना मजबूत हो कि वह फल के साथ जमीन में न आ जाये। बींस आमतौर पर 50 से 55 दिनों में फलियां देती हैं और सेम की फली की कई प्रजातियां तो 32 से 35 दिन में ही फलने फूलने लगती हैं और कई 50 दिन लेती हैं। बारिश की बूंदें इसका विकास भी करती हैं और इससे फलियां स्वस्थ भी होती हैं। -इ.रि. सें.