65 अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री पर रोक
विवेक बंसल/हप्र
गुरुग्राम, 12 जून
फरुखनगर और गुरुग्राम के 18 गांवों में कृषि योग्य जमीन पर बनाई जा रही 65 अवैध कालोनियों में रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई है। डीटीपीई ने तहसीलदारों से रजिस्ट्री न करने के आदेश दिये हैं। इस इलाके में हो रही रजिस्ट्री पर इनकम टैक्स विभाग द्वारा भी छानबीन की जा रही है। यह सब एक बड़े गड़बड़झाले की ओर संकेत कर रहा है।
डीटीपीई मनीष यादव ने गुरुग्राम जिले के फरूखनगर कादीपुर और हरसरू तहसील के तहसीलदारों को अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री न करने के लिए पत्र लिखा है। पत्र के मुताबिक सहाराना गांव में 30 से अधिक लोग अवैध रूप से 7 कॉलोनियां काट रहे हैं, वहीं गांव सुल्तानपुर में 40 से अधिक लोग अवैध रूप से 15 कालोनियों काट रहे हैं। डीटीपी एनफोर्समेंट टीम के मुताबिक गांव इकबालपुर, गढ़ी हरसरू, चंदू, खेड़की, माजरा, धनकोट, गोपालपुर, वजीरपुर, पावला, खुशालपुर, फाजिलपुर, बादली, झांझरोला, बढेर, कालिया वास, सैदपुर, मोहम्मदपुर, मुबारीकपुर, बसीरपुर, फरुखनगर में 45 कॉलोनियां कृषि योग्य जमीन में काटी जा रही है। डीटीपीई मनीष यादव का कहना है कि ऐसी सूचनाएं मिलने के बाद उन्होंने कई कॉलोनियों को तोड़ दिया है और अन्य कालोनियों पर कार्रवाई की योजना चल रही है। तहसीलदारों को कहा गया है कि वे यहां पर अवैध कालोनियों की प्लाटों की रजिस्ट्री न करें।
सूत्रों ने बताया है कि जब से पटौदी हेलीमंडी को मिलाकर नगर परिषद और गुरुग्राम से अलग कर मानेसर को नगर निगम बनाया गया है, तभी से इस इलाके में कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी काटने का काम राजनीतिक लोगों के संरक्षण में खुलकर चल रहा है। तहसील में रजिस्ट्री कराने वाले लोगों में भी राजनीतिक पार्टी के नेताओं के रिश्तेदार और नजदीकी लोग शामिल हैं। साठगांठ के चलते अब तक कई हजार प्लॉट बेच दिए गए हैं और उनकी रजिस्ट्री भी हो चुकी हैं।
आयकर विभाग की टीम कर रही सर्वें
आयकर विभाग की टीम गढ़ी हरसरू और कादीपुर तहसील में हो रही रजिस्ट्री पर अपना सर्वे कर रही हैं। सूत्रों ने बताया है कि 3 लाख से अधिक की प्रॉपर्टी खरीदने बेचने पर तहसील को इनकम टैक्स विभाग को बताना जरूरी है लेकिन पिछले कुछ दिनों से यहां पर कई हजार रजिस्टर हो चुकी है लेकिन उसकी सूचना आयकर विभाग को नहीं दी गई है। सूत्रों ने बताया है कि आयकर विभाग को इन तहसीलों में पिछले 5 वर्ष से हो रही रजिस्ट्री पर भारी गड़बड़ी की आशंका है। पिछले 5 वर्ष से यहां कोई सूचना आयकर विभाग को नहीं मिली है, इसके लिए आयकर विभाग के इंटेलिजेंस और क्रिमिनल की टीमें लगातार तहसीलों को खंगाल रही हैं उपायुक्त निशांत यादव का कहना है कि आयकर विभाग की ओर से हुए सर्वे के दौरान मांगी जाने वाली सभी जानकारी दे दी गई है। मिलने वाले रिकॉर्ड के आधार पर वह अपने स्तर पर जांच करेंगे। टेक्निकल समस्या होने के कारण टीम को जानकारी जुटाने में थोड़ा समय लगा था। सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है।