इनेलो की जीत में बागड़ी बेल्ट की बड़ी भूमिका
इकबाल शांत/निस
डबवाली, 8 अक्तूबर
इनेलों को ‘गढ़’ वापस दिलाने में बागड़ी बेल्ट (चौटाला क्षेत्र) के गांवों ने बड़ी भूमिका निभाई। 13वें राउंड तक अमित की बढ़त 1729 बनी रही। अंतिम 3 राउंड में इनेलो को मिली 336, 407 व 761 की बढ़त ने पासा पलट दिया। कांग्रेस वोट बैंक वाले डबवाली शहर की तुलना में गांवों में अधिक मतदान भी आदित्य के लिए फायदेमंद रहा।
चौटाला ब्रांड राजनीति के तीन युवा प्रत्याशियों के मध्य सख्त मुकाबले में इनेलो ने उसकी गृह सीट डबवाली को जीत लिया। पूर्व उपप्रधान मंत्री ताऊ देवी लाल के पौत्र व इनेलो-बसपा के प्रत्याशी आदित्य चौटाला 610 मतों के अंतर से विजयी रहे हैं। उन्होंने डबवाली से विधायक रहे व कांग्रेस प्रत्याशी अमित सिहाग को शिकस्त दी। इनेलो एक दशक उपरांत उसकी राजनीतिक ‘राजधानी’ डबवाली पर विजय पताका फहराने में सफल रही है। विजेता अदित्या देवीलाल को 56074 मत प्राप्त हुए हैं। जबकि अमित सिहाग को 55464 मत मिले। 35261 मतों से जजपा के दिग्विजय चौटाला को तीसरा स्थान मिला। दिग्विजय की चुनाव से पूर्व करीब दो माह की चुनाव मैनेजमेंट के नुक्ते-नक्काशी ने लोगों पर बड़ा ‘लुभावना’ प्रभाव छोड़ा। बड़ी बात है कि देवी लाल परिवार के जलवे के समक्ष पंजाबी बेल्ट सहित सभी फैक्टर नेस्तनाबूत हो गये। विजेता आदित्य देवीलाल ने भाजपा में बिताये 10 वर्षों में ग्रामीण आंचल में विशाल निजी वोट बैंक खड़ा किया, जिसके आगे चुनाव में खुद भाजपा भी 7139 पर सिमट गयी। बताया जाता है कि हल्के में डेरा फैक्टर का बड़ा प्रभाव देखने को मिला। डेरा श्रद्धालुओं के करीब 10 हजार मत आदित्य के लिए ‘रामबाण’ बने।
भाजपा के बलदेव मांगेआना को 7139 व ‘आप’ प्रत्याशी कुलदीप गदराना को 6606 वोट मिले। पीपीआई (डी) के कुलवीर इंसा को 108, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के दाना राम को 101 मत मिले। निर्दलीय राजेश कुमार को 480, खेमचंद को 282 व गुरविन्दर सिंह को 270, गुलजारी लाल को 199 व अंकित कुमार को सिर्फ़ 93 वोट मिले। ‘नोटा’ पर 856 मतदातायों ने भरोसा दिखाया। डबवाली जीतने की ख़ुशी में इनेलो कार्यकर्ताओं ने शहर व गांवों के पटाखेबाजी की मिठाइयां बांटीं।