For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

पिछड़े रियलिटी शो महिला प्रधान धारावाहिकों का दबदबा

08:08 AM Dec 30, 2023 IST
पिछड़े रियलिटी शो महिला प्रधान धारावाहिकों का दबदबा
अनुपमा
Advertisement

प्रदीप सरदाना

टीवी में समय के साथ कई किस्म के बदलाव देखने को मिले। लेकिन यदि कुछ नहीं बदला तो महिला प्रधान सीरियल का दबदबा। महिला सीरियल का जादू बरसों पहले भी था और आज भी है। हालांकि, पिछले कुछ बरसों में सीरियलों को बड़ी चुनौती देते हुए रियलिटी शो ने मनोरंजन जगत पर अपना कब्जा-सा कर लिया था। लेकिन 2023 के टीवी पर नज़र डालें तो रियलिटी शो अब काफी पिछड़ गए हैं। दूसरा कॉमेडी सीरियल जो शुरू से दर्शकों को गुदगुदा रहे थे, अब वे भी सिमटते जा रहे हैं। कॉमेडी का जादू दूरदर्शन युग से ही था। इधर सब टीवी तो पूरा चैनल ही कॉमेडी को समर्पित था। लेकिन अब ‘सोनी सब’ कॉमेडी चैनल भी अपना स्वरूप बदल, कॉमेडी से दूर हो चला है। जबकि ‘सोनी सब’ को पिछले 15 बरसों से सिर्फ एक कॉमेडी सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ खूब चला रहा है। हालात कैसे भी रहे हों, लेकिन ‘तारक मेहता’ की लोकप्रियता में कमी नहीं आयी है। इस सबके बावजूद सोनी सब अपने अन्य कॉमेडी सीरियल बंद करके ड्रामा-एक्शन की ओर बढ़ चला है। चैनल ने ‘मैडम सर’ तो फरवरी में ही बंद कर दिया था। यहां तक जिस ‘वागले की दुनिया’ की पहचान एक हास्य सीरियल की रही, लेकिन उसमें भी अब हास्य बोझिल हो गया।

Advertisement

स्टार प्लस का रुतबा बरकरार

सन‍् 2023 की जनवरी से दिसंबर तक की बार्क की टीआरपी रिपोर्ट देखें तो लगभग पूरे बरस टॉप-5 में सभी पांचों सीरियल स्टार प्लस के रहे हैं। इनमें भी अधिकतर महिला प्रधान हैं। यहां तक टॉप 10 में भी 7 या 8 सीरियल स्टार प्लस के होते हैं। साथ ही टॉप 20 सीरियल में भी महिला केन्द्रित सीरियल अन्य सभी कार्यक्रमों पर हावी हैं।
जनवरी, 2023 में शिखर के चारों सीरियल अनुपमा, गुम है किसी के प्यार में, ये रिश्ता क्या कहलाता है और इमली महिला प्रधान होने के साथ स्टार प्लस के थे। जुलाई में टॉप 5 के इन सीरियल्स में ‘यह हैं चाहतें’ और जुड़ गया। दिसंबर में फर्क बस यह आया कि तीन बरसों से लगभग लगातार नंबर वन पर चल रहा ‘अनुपमा’ पहले पायदान से तीसरे पायदान पर पहुंच गया। गुम हैं... पहले और ‘इमली’ दूसरे पायदान पर आ गए। जबकि ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ चौथे पायदान पर अपनी जगह बनाने में कामयाब है। जनवरी 2009 से प्रसारित ‘ये रिश्ता.. लीप लेते लेते कहानी में चौथी पीढ़ी ले आया है। लेकिन दर्शकों को यह अब जमकर बोर करने लगा है। हालांकि टीआरपी फिर भी कायम है। इसलिए टीआरपी पर सवाल भी हैं।
जबकि दूसरी ओर अनेक दर्शकों से बातचीत करने पर पता लगता है कि एंड टीवी का ‘भाबी जी घर पर हैं’ काफी देखा जाता है। अंगूरी भाभी के रूप में शुभांगी अत्रे अपने अभिनय से धमाल कर रही हैं। रोहिताश्व गौड़ और आसिफ शेख का अभिनय भी दिलकश है। लेकिन टीआरपी में यह टॉप 20 में भी नहीं आता।

कलर्स दूसरे और ज़ी टीवी तीसरे नंबर पर

स्टार प्लस के बाद कलर्स चैनल ऐसा है जो दर्शकों को ज्यादा पसंद आ रहा है। इस साल शुरू हुआ धार्मिक सीरियल ‘शिव शक्ति’ हो या ‘परिणीती’ या ‘डोरी’, ‘नीरजा’ और ‘सुहागन’। ये सभी टॉप-20 में जगह बनाए हुए हैं। उधर ज़ी टीवी पर पिछले कुछ बरसों से चल रहे एकता कपूर के कुमकुम भाग्य, कुंडली भाग्य और भाग्य लक्ष्मी हों या फिर ‘प्यार का पहला नाम राधा मोहन’, ये भी टॉप 20 में आकर अपनी पताका फहरा रहे हैं। लेकिन कलर्स के ‘बिग बॉस’,‘खतरों के खिलाड़ी’ और जी टीवी के ‘सारेगामा’ जैसे रियलिटी शो इस बार फीके रहे।

Advertisement

सोनी चैनल का पिछड़ना

इस साल प्रमुख चार मनोरंजन चैनल्स में सबसे ज्यादा निराशा सोनी चैनल को मिली। सोनी का अच्छा सीरियल ‘अहिल्याबाई’ भी इस बरस बंद हो गया। सोनी चैनल असल में रियलिटी शो का राजा रहा है। केबीसी, इंडियन आइडल, सुपर डांसर, इंडियाज़ बेस्ट डांसर, इंडियाज़ गॉट टेलेंट’ जैसे शो से सोनी ने बड़ी लोकप्रियता बनाई है। सोनी अपने सभी शो को भव्यता के रंग देने में भी सबसे आगे रहा है। लेकिन इस बार सोनी के किसी भी शो को पहले जैसी सफलता-लोकप्रियता नहीं मिल पायी। जबकि हाल ही में सोनी पर 12 साल बाद ‘झलक दिखला जा’ की वापसी हुई है। लेकिन टीआरपी की रेस में अभी तक यह कहीं दिखाई नहीं दे रहा।

दूरदर्शन और डीडी न्यूज़ के बदलाव

ममता चोपड़ा

इधर इस बरस दूरदर्शन और डीडी न्यूज़ ने अपने यहां कुछ बड़े बदलाव करके, धुंध से निकलने के प्रयास किए। डीडी नेशनल ने अपना रंग रूप बदलते हुए कुछ नए और बड़े शो शुरू किए। जिनमें गुमनाम सेनानियों की गाथा पर 12 भारतीय और 7 विदेशी भाषाओं में प्रस्तुत एनीमेशन सीरीज ‘केटीबी-भारत हैं हम’ तो सबसे अहम है। बच्चे देश के स्वतन्त्रता इतिहास में दिलचस्पी लें, इसके लिए इसे कृष, ट्रिश और बाल्टीबॉय जैसे पात्र प्रस्तुत कर रहे हैं। फिर सुभाष घई का ‘जानकी’ सीरियल और शिल्पा शेट्टी का योग शो भी उल्लेखनीय है। साथ ही दूरदर्शन ने इस बरस अपने यहां फीचर फिल्मों के नियमित प्रसारण को फिर से वह भी हर रोज शुरू कर दर्शको को अच्छा उपहार दिया।
उधर डीडी न्यूज़ ने अपने अंग्रेजी न्यूज़ के ‘डीडी इंडिया’ को अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप देकर नए रूप में लॉन्च किया। वहां मार्च से ममता चोपड़ा द्वारा प्रस्तुत और निर्देशित ‘हमारे पदम’ कार्यक्रम को सकारात्मक प्रतिसाद मिला है। जिसमें कम परिचित पदम पुरस्कार विजेताओं की ज़िंदगी दिखाई गई। साथ ही ‘सुप्रभातम’ तथा ‘विकसित भारत’ और ‘स्वच्छता योद्धा’ जैसे कार्यक्रमों से भी डीडी न्यूज़ बड़ी जानकारियां देकर, सार्वजनिक प्रसारक का अपना कर्तव्य भी निभा रहा है। उधर अशोक श्रीवास्तव का डिबेट शो ‘दो टूक’ भी पसंद किया जा रहा है।

श्वेता सिंह रहीं ‘स्टार एंकर ऑफ द इयर’

श्वेता सिंह

जहां तक निजी न्यूज़ चैनल्स की बात है तो ‘आज तक‘ चैनल ने सभी से आगे रहकर अपनी वर्चस्व बनाए रखा। न्यूज़ चैनल का बड़ा चेहरा बन चुके सुधीर चौधरी ने ज़ी न्यूज़ से ‘आज तक’ पर आकर अपने ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ शो को कम समय में ही लोकप्रिय बना दिया। साथ ही ‘आज तक’ की श्वेता सिंह को तो ‘स्टार एंकर ऑफ द इयर’ कहा जाएगा। जिन्होंने इस्राइल-हमास युद्ध और उत्तराखंड सुरंग हादसों सहित कितने ही कठिन मोर्चों से साहसिक और बढ़िया रिपोर्टिंग की मिसाल पेश की।
न्यूज़ चैनल में इस बरस ‘टीवी 9 भारतवर्ष’ ने भी अपनी बड़ी पहचान बनाई। उधर सुशांत सिन्हा ने तो ‘टाइम्स नाऊ नवभारत’ पर ‘न्यूज़ की पाठशाला’ में अपने अच्छे कंटेन्ट और सार्थक प्रस्तुतीकरण से टीवी पत्रकारिता को नया अंदाज दिया है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×