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Ayushman Bharat Yojana : एक सप्ताह बाद निजी अस्पतालों में नहीं होगा गरीबों का मुफ्त इलाज , पढ़िए पूरी खबर

06:42 PM Jan 24, 2025 IST

जसमेर मलिक/हप्र/जींद, 24 जनवरी

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Ayushman Bharat Yojana : आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का उपचार करने वाले निजी अस्पतालों के संचालक अगले महीने किसी भी दिन मरीजों का उपचार करने से मना कर सकते हैं। इसकी वजह यह है कि सरकार की तरफ प्रदेश के आयुष्मान भारत योजना के तहत रजिस्टर्ड अस्पतालों की लगभग 450 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि बकाया है। बकाया राशि का भुगतान नहीं होने से निजी अस्पताल संचालकों को आर्थिक दिक्कत हो रही है।

साल 2018 में शुरू हुई आयुष्मान भारत योजना निजी अस्पताल संचालकों के लिए एक मुसीबत बनी हुई है, जिन लोगों के पास आयुष्मान भारत योजना के कार्ड हैं, उनका निजी अस्पतालों में भी मुफ्त उपचार होता है। जब से यह योजना लागू हुई है, तब से निजी अस्पताल संचालकों को कभी भी समय पर उनका पैसा नहीं मिला।

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अब हालात यह हो चली है कि प्रदेश के आयुष्मान भारत योजना के तहत रजिस्टर्ड अस्पतालों की सरकार की तरफ लेनदारी 450 करोड़ के पार जा चुकी है। जून 2024 के बाद निजी अस्पताल संचालकों को उनके पैसे का भुगतान नहीं हुआ है। प्रदेश के निजी अस्पताल संचालकों को इस योजना के तहत अपना पैसा समय पर नहीं मिलने से आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है। निजी अस्पताल संचालक अपने पास से पैसे लगाकर मरीज का उपचार करते हैं।

8 जनवरी को सीएम से की थी मुलाकात

प्रदेश के निजी अस्पताल संचालकों ने आईएमए हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष डॉमहावीर प्रसाद जैन और पूर्व प्रधान डॉ अजय महाजन की अगुवाई में 8 जनवरी को सीएम नायब सैनी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में आईएमए पदाधिकारियों ने सीएम को बताया था कि निजी अस्पतालों का आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का उपचार करने का 450 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया हो चुका है। जून 2024 के बाद निजी अस्पताल संचालकों को कोई पैसा नहीं मिला है।

सीएम नायब सैनी ने आईएमए पदाधिकारियों को आश्वासन दिया था कि जल्द उनके पैसे का भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक बकाया का भुगतान नहीं हुआ है। इससे खफा आईएमए पदाधिकारियों ने बृहस्पतिवार को जूम के जरिए एक बैठक की। इस बैठक में यह तय किया गया कि सरकार को एक सप्ताह का नोटिस दिया जाएगा। नोटिस में कहा जाएगा कि एक सप्ताह में निजी अस्पतालों के सारे बकाया का भुगतान नहीं हुआ, तो फरवरी में किसी भी दिन निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना और चिरायु योजना के तहत मरीजों का उपचार बंद कर सकते हैं।

जींद जिले के 15 अस्पतालों की 12 करोड़ से ज्यादा की राशि बकाया

जींद जिले की बात की जाए तो आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के 15 निजी अस्पताल रजिस्टर्ड हैं। इन अस्पतालों का आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों के उपचार पर खर्च 12 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि बकाया है।

एक सप्ताह में भुगतान नहीं हुआ तो बंद कर देंगे उपचार

आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महावीर प्रसाद जैन ने कहा कि सरकार को एक सप्ताह का नोटिस दिया जा रहा है। इस नोटिस में एक सप्ताह में आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पताल संचालकों की 450 करोड़ से ज्यादा की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कहा जाएगा। अगर एक सप्ताह में भुगतान नहीं हुआ तो फरवरी में किसी भी दिन निजी अस्पताल संचालक इस योजना के तहत मरीजों की जांच और उपचार बंद कर देंगे।

इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। डॉ जैन ने कहा कि निजी अस्पताल संचालक अपने पास से पैसे खर्च कर मरीज को इंप्लांट लगते हैं, दवाई देते हैं, बेहोशी का इंजेक्शन लगाने वाले का भुगतान करते हैं। जो लोग इंप्लांट और दवा की सप्लाई करते हैं, वह 15 दिन में पैसा मांग लेते हैं। निजी अस्पताल संचालकों को उनका पैसा समय पर नहीं मिलने से भारी आर्थिक दिक्कत हो रही है।

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