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आयुर्वेद की सुध

12:12 PM May 25, 2021 IST

आज आयुर्वेदिक दवाओं की भारी मांग के साथ आयुर्वेद को एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में मानने का समय आ गया है। सरकार को अधिक अनुसंधान केंद्र स्थापित करने तथा आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण के लिए आवश्यक पौधों को उगाने के लिए भूमि प्रदान कर इसे प्रोत्साहित करना चाहिए। भारत आयुर्वेद का जन्म स्थान है, इसलिए आयुर्वेद के प्राचीन ज्ञान को भारतीय सांस्कृतिक विरासत के चिन्ह के रूप में प्रेरित किया जाना चाहिए। दुर्भाग्य से, फार्मास्युटिकल दवाओं के विकास के साथ, आयुर्वेदिक क्षेत्र की ओर प्रोत्साहन कम हो गया है। हर्बल मोनोग्राफ विकसित करने की आवश्यकता है जो उद्योग को बढ़ावा देगा।

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खुशबू वेद, आलोट, म.प्र.

संभल कर चलें

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पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही थी। इसी बीच, राहत देने वाली खबर आई है कि कोरोना वायरस के केस कम होने शुरू हो गये हैं। अगर हम इसी तरह सावधानी बरतते रहे तो हम कोरोना वायरस को हराकर सामान्य जीवन जीने लगेंगे। इसलिए जरूरी है कि मास्क पहनना सुनिश्चित करें और अन्य सभी संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करें।

परनीत गिल, जींद

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Tags :
आयुर्वेद