आशा वर्करों ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
रोहतक, 12 अगस्त (हप्र)
आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा (सीटू) ने हड़ताल के पांचवें दिन न्यूनतम वेतन 26 हज़ार लागू करने की मांग को लेकर रोहतक लोकसभा सांसद अरविंद शर्मा के कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पंचकूला में हड़ताली आशा वर्कर, सीटू एवं सर्व कर्मचारी संघ नेताओं की स्थानीय विधायक के कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान की गई गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए आशा वर्कर्स 17 अगस्त तक हड़ताल को जारी रखने पर अडिग। 14 अगस्त को रोहतक विधायक के कार्यालय पर प्रदर्शन का ऐलान किया।
जिले भर की आशा वर्कर्स ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार स्थानीय मानसरोवर पार्क में इकट्ठा होकर सांसद अरविंद शर्मा के जिला विकास भवन स्थित कार्यालय पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। हड़ताली आशाओं को संबोधित करते हुए आशा वर्कर्स यूनियन की जिला प्रधान अनीता भाली,जिला उपप्रधान फूलवती, सचिव सोनिया मुगाण, सीटू जिला कोषाध्यक्ष धर्मवीर हुड्डा ने कहा कि पंचकूला में आज आशा वर्करों की सैकड़ो की संख्या में की गई कायराना और दमनात्मक कार्रवाई को सीटू किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। स्वास्थ्य विभाग जनहित का हवाला देकर आशा वर्कर्स को बिना मानदेय दिए ऑनलाइन काम करने के लिए बाधित कर रहा हैं और दूसरी तरफ हरियाणा सरकार और स्वास्थ्य विभाग पिछले 17 साल से स्वास्थ्य विभाग के अंदर ही काम करने वाली आशा वर्कर्स के स्वास्थ्य की गारंटी नहीं कर पाया हैं ।
यह अपने आप में ही जनहित कार्यों की सरकार की विकास दर को दर्शाता है । स्वास्थ्य विभाग और सरकार द्वारा चलाई जा रही जनहित कार्य केवल दिखावा बनकर रह गई है। पिछले 3 वर्ष से आशा वर्कर्स अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर बार-बार स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों और सरकार को पत्र लिख रही है परंतु सरकार और स्वास्थ्य विभाग आशा वर्कर्स की समस्याओं का समाधान किए बिना ही प्रदेश की 20000 महिलाओं को डराने धमकाने का प्रयास कर रहे हैं । कोरोना माहमारी में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में काम करने वाली आशा वर्कर्स को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा ग्लोबल हेल्थ लीडर्स के अवार्ड से सम्मानित किया गया है जिन आशा वर्कर्स को पूरी दुनिया में सम्मान मिला है । तमाम नागरिक अस्पतालों में जरूरी उपकरण दवाइयां और विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है । स्टाफ की कमी और काम के दबाव के चलते गर्भवती महिलाओं और आम जनता के साथ नागरिक अस्पतालों में दुर्व्यवहार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं । सरकार अपनी कमी को छुपाने के लिए लगातार आशा वर्कर्स को प्रताड़ित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सरकारी अस्पतालों में दवाइयां मुहैया नहीं करवा रही खाली पड़े पदों पर भर्ती नहीं कर रही स्टाफ की कमी दिखाकर सरकारी अस्पतालों को खत्म करने की साजिश रच रही है। स्वास्थ्य बजट में लगातार केंद्र की ओर से कटौती की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन जनहित कार्यों का हवाला देकर अलग-अलग जिलों में आशा वर्कर्स को अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी और जिलों के अधिकारी एक बार अपने जिले के स्वास्थ्य विभाग की हालात पर नजर डालें और उनमें सुधार करें। ताकि जनता को बेहतर सुविधाएं दी जा सकेंगे । आशा वर्कर्स को डराने धमकाने का मतलब आशा वर्कर्स को पूरे प्रदेश में आंदोलन के लिए मजबूर करना है।
सीएम की कथनी और करनी में अंतर : राजू मान
चरखी दादरी (निस) : आशा वर्कर्स ने हड़ताल के दौरान शनिवार को अपनी मांगों के समर्थन में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। लघु सचिवालय से विधायक सोमबीर सांगवान के कार्यालय पर पहुंचकर नारेबाजी की। आशा वर्करों के धरने को किसान कांग्रेस नेता राजू मान ने समर्थन दिया और प्रदेश सरकार पर आशा वर्करों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। धरने को संबोधित करते हुए कांग्रस नेता राजू मान ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। विगत में आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर जब लंबा आंदोलन चलाया था उस वक्त मुख्यमंत्री ने उनको आश्वस्त करते हुए जो मांगें मानी थी वो आज तक पूरी नहीं हुई इसलिए मजबूरी में आशा वर्कर्स को फिर से धरने पर बैठना पड़ रहा है। वहीं आशा वर्कर्स यूनियन की प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश भैरवी की अगुवाई में विधायक को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपते हुए आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया। इस अवसर पर संजय शास्त्री, कृष्ण ऊण, राजकुमार घिकाड़ा, रणधीर कुंगड़, गीता उपस्थित रहे।