जब तक अकाल पुरुख सेवा ले रहे हैं, हम सेवा निभाते रहेंगे : ज्ञानी हरप्रीत सिंह
संगरूर, 18 अक्तूबर (निस)
श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात की। मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि मुझे पद का कोई लालच नहीं है। हमने सारा मामला अकाल पुरुख के सामने रखा था और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने मुझे पद पर बने रहने का आदेश दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक अकाल पुरुख की इच्छा है, वे सेवा करते रहेंगे, और जब आदेश आएगा, तब वे सेवा छोड़ देंगे।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिंह साहबों द्वारा उठाई गई आवाज़ को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह निश्चित तौर पर इतिहास रचेगी। उन्होंने अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा के साथ हुए टकराव को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया। सिख धार्मिक और राजनीतिक नेतृत्व के आंतरिक विवादों को दूर करने की जोरदार अपील करते हुए ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) की नियुक्ति पर जोर दिया, ताकि अंतर्राष्ट्रीय सरकारों द्वारा उत्पन्न दबावों और सिख समुदाय के खिलाफ की जा रही हिंसक आपराधिक गतिविधियों का समाधान किया जा सके।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कनाडा में सक्रिय विदेशी सरकारों के एजेंटों की हिंसक गतिविधियों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सिखों के अधिकारों और सुरक्षा के मुद्दों को वैश्विक स्तर पर गंभीरता से लिया जा रहा है, विशेषकर ‘फाइव आईज’ देशों द्वारा। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय को किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है। देश की स्वतंत्रता, रक्षा और वैश्विक खाद्य निर्यात में हमारा योगदान बहुत महत्वपूर्ण है, हालांकि 1947 के विभाजन के दौरान समुदाय को बड़ी हानि उठानी पड़ी। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिख समुदाय से आग्रह किया कि हमें रणनीतिक रूप से कार्य करते हुए वैश्विक स्तर पर अपने समुदाय की सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करना चाहिए।